MDM news: पीएम पोषण योजना के तहत जिले के परिषदीय विद्यालयों, कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों और आश्रम पद्धति विद्यालयों में बनने वाले मध्याह्न भोजन (मिड-डे मील) की अब गुणवत्ता की जांच रैंडम तरीके से की जाएगी। इस संबंध में शासन ने खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन और बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों की संयुक्त जांच समिति के गठन का आदेश जारी किया है।
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के आयुक्त की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि खाद्य पदार्थों में मिलावट और नकली दवाओं के प्रचलन से जन स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव को रोकने के लिए यह समिति गठित की जा रही है। हाल ही में हुई समिति की बैठक में निर्णय लिया गया कि पीएम पोषण योजना के तहत बनने वाले भोजन की सैंपलिंग और जांच की जानी चाहिए, जिससे भोजन की गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके।
अब प्रत्येक जिले में खाद्य सुरक्षा विभाग और बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों की संयुक्त समिति बनाई जाएगी। यह समिति विद्यालयों में अचानक पहुंचकर भोजन की जांच करेगी। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि जिस दिन सैंपलिंग की जा रही हो, उस दिन उपयोग की गई खाद्य सामग्रियों की खरीद से संबंधित अभिलेख, बिल, साक्ष्य और अन्य जानकारियां भी संकलित की जाएं। यदि भोजन मानक के अनुरूप नहीं पाया जाता है, तो संबंधित के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
एडी बेसिक आजमगढ़ मनोज कुमार मिश्रा ने बताया कि शासन के इस निर्देश के बाद बेसिक शिक्षा अधिकारियों को भी स्पष्ट निर्देश जारी कर दिए गए हैं। अब जिले में जल्द ही संयुक्त जांच समिति का गठन कर विद्यालयों में मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता की निगरानी की जाएगी।
Published on:
23 Jun 2025 07:37 pm