बता दें कि तरवां थाना क्षेत्र में 14 अगस्त 2020 को हुई दलित प्रधान सत्यमेव जयते की हत्या के बाद आजमगढ़ आए थे लेकिन उन्हें प्रधान के घर जाने से रोक दिया गया था। विरोध प्रदर्शन के बाद चंद्रशेखर अतरौलिया से ही वापस लौट गए थे। मंगलवार को वे जिले में हो रही आपराधिक घटनाओं एंव दलित उत्पीड़न के खिलाफ कलेक्ट्रेट पहुंचकर जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपने के लिए आए थे। मंगलवार को भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर आजमगढ़ आगमन की सूचना पर पुलिस सुबह से ही सर्तक थी। कलेक्ट्रेट व आसपास के क्षेत्र में बैरिकेटिंग की गयी थी। दोपहर में बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं के साथ चंद्रशेखर डीएम दफ्तर के लिए रवाना हुए।
स्थानीय खुफिया इकाई की सूचना पर अलर्ट पुलिस ने जब कलेक्ट्रेट के पास बैरिकेडिंग पर रोका तो पुलिसकर्मियों और भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं में झड़प हो गई। भीम आर्मी कार्यकर्तओं को आक्रोश में देख माहौल बिगड़ने की आशंका को देखते हुए प्रशासन व पुलिस के अधिकारियों ने कलेक्ट्रेट के समीप डेरा डाल दिया। इस दौरान चंद्रशेखर अपने तेवर में दिखे, उन्होंने कहा सत्ता का नशा उतारूंगा। यही नहीं उन्होंने शहर कोतवाल से यहां तक पूछ दिया कि आप मुझे जानते हो कौन हूं मैं। इस दौरान पुलिस ने किसी कार्यकर्ता द्वारा मास्क न लगाने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने पर एफआईआर की चेतावनी भी लेकिन कार्यकर्ता डटे रहे। हालांकि, बाद में चंद्रशेखर कुछ लोगों के साथ डीएम से मिले और ज्ञापन सौंप कर वापस लौट गए। चंद्रशेख की वापसी से पुलिस ने भी राहत की सांस ली।
BY Ran vijay singh