यही वजह है कि आम तौर पर पिछली पंति में खड़े रहने वाले इस अति पिछड़ी जाति के नेता को आगे कर दिया गया है। पूर्व मंत्री ने भी खुलकर बीजेपी सरकार पर पलटवार किया और कहा कि भापजा सरकार राजभर समाज की हितैषी नहीं, बल्कि दुश्मन है। योगी का यह बयान कि राजा सुहेलदेव राजभर नहीं क्षत्रिय समाज के थे, गलत है। अखिलेश यादव की सरकार बनने पर जिले में सुहेलदेव राजभर जी की प्रतिमा स्थापना की जाएगी।
वहीं पूर्व मंत्री दुर्गा प्रसाद यादव ने सुहेलदेव को बहादुर राजा बताया। पूर्व सांसद रमाकांत यादव ने कहा कि आज भाजपा राजा सुहेलेदव राजभर की जयंती मना रही है, जबकि सरकार पिछड़े वर्ग के लोगों का दमन कर रही है। निवर्तमान जिलाध्यक्ष हवलदार यादव ने कहा कि योगी सरकार पिछड़ों को शिक्षा से वंचित करना चाहती है। पूर्व सांसद नंदकिशोर यादव, पूर्व विधायक श्यामबहादुर यादव, रामजग राम, अखिलेश यादव, सूरज राजभर, रामू राजभर, ओमप्रकाश राजभर आदि भाजपा के स्मारक को नाटक करार दिया।
सब मिलाकर सपाई बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोल दिये हैं और राजभर जाति को यह मैसेज देने की कोशिश की जा रही है कि अखिलेश यादव ही उनके सच्चे हितैषी है। सत्ता और विपक्ष के बीच शुरू हुए इस घमासान से पूर्वांचल की राजनीति एक बार फिर गरमा गयी है।
BY Ran vijay singh