दरअसल, बागपत कस्बा निवासी बसपा के पूर्व जिला सचिव ओमकार सिंह का पुत्र दयानंद आर्य दिल्ली के शाहदरा में खराद का काम करता है। नौ मार्च को उनके परिवार में युवती की शादी है, जिसके लिए 26 जनवरी की शाम उनका बेटा दयानंद तीस हजार रुपये लेकर घर से बड़ौत समान की खरीदारी के लिए रवाना हुआ था। बड़ौत जाते समय दिल्ली-सहारनपुर हाइवे पर गेटवे स्कूल के निकट उसे किसी अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गर्इ। इसके बाद सूचना पर पुलिस भी मौके पर पहुंच गई और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था।
जब वे अस्पताल पहुंचे तो पुलिस ने उन्हें केवल उसका टूटा हुआ मोबाइल व घड़ी ही वापस की है। जबकि तीस हजार रुपये व पर्स के बारे में कुछ नहीं बताया। उनका आरोप है कि शिकायत के बाद भी पुलिस मामले की जांच नहीं कर रही है। इससे आहत परिजनों ने सोमवार को एसपी कार्यालय के बाहर पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की ओर धरने पर बैठ गए। पीड़ितों का कहना है कि पुलिस उनकी कोई सुनवाई नहीं कर रही है। जब तक उनको न्याय नहीं मिल जाता वे परिवार समेत धरने पर बैठे रहेंगे।