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जेल अधीक्षक ने समय से पहले रिहा किया तो भावुक हुए बंदी ने दिया ये वचन

Highlights - जेल अधीक्षक ने अपनी जेब से भरी बंदी की जुर्माना राशि- समय से पहले जेल से रिहा होने पर खुशी से झूम उठा बंदी- जेल से बाहर आते ही जताया जेल अधिकारियों का आभार

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बागपत

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lokesh verma

Sep 26, 2019

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बागपत. बागपत जेल यूं तो बदमाशों की सुरक्षा, मारपीट और झगड़े को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहती है। लेकिन, इस बाद जेल अधीक्षक की ओर से एक कैदी की सजा कम किए जाने को लेकर चर्चा में है। जेल अधीक्षक की इस सहानुभूति पर बंदी ने वचन दिया है कि अब वह कभी जयराम की दुनिया में नहीं जाएगा और मेहनत मजदूरी कर परिवार का पालन-पोषण करेगा।

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बता दें कि बिनौली थाना क्षेत्र से पुलिस ने 27 मार्च को शराब तस्करी में ग्वालीखेड़ा गांव निवासी एक युवक सूरज पुत्र राकेश को गिरफ्तार किया था। एसीजीएम कोर्ट ने उस पर 1000 रुपए का अर्थदंड के साथ 6 माह की सजा सुनाई थी। वह 6 माह की सजा काट रहा था। जबकि जुर्माना जमा नहीं करने पर 7 दिन की सजा बाकी थी। शासन के आदेश पर अधीक्षक ने अपने पास से एक हजार रुपए का जुर्माना जमा कराकर बुधवार को बंदी को रिहा करा दिया।

जैसे ही उसे अपनी रिहाई का पता चला तो उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। जेल से बाहर निकलने पर सूरज ने अधिकारियों का आभार व्यक्त किया और जयराम की दुनिया से दूर रहने का भी वचन पुलिस अधीक्षक को दिया।

जेल अधीक्षक सुरेश सिंह का कहना है कि दीनदयाल उपाध्याय जयंती के उपलक्ष में शासन मुख्यालय से विशेष आदेश आए थे। आदेशों को देखते हुए इस कैदी को दीनदयाल उपाध्याय जयंती के अवसर पर लाभ दिया गया है। साथ ही कैदी ने वचन दिया है कि वह अब शराब तस्करी जैसे किसी भी कार्य को नहीं करेगा।

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