
बागपत. उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के बडौत कस्बे में पिछले नौ माह में नौ हजार बिजली के मीटर फुंक गए। जिन्हें बदलने के नाम पर कंपनी ने उपभोक्ताओं से 1 करोड़ 80 लाख रुपये की धनराशि भी वसूल ली है। यह हालत तब है जब खुद ऊर्जा निगम मीटर की खराब क्वालिटी को सुधारने को लेकर लगातार कंपनियों को रिमाइंडर भेज रहा है। बावजूद इसके कंपनियां मीटर की क्वालिटी सुधारने को तैयार नहीं है। अब इसका खामियाजा बिजली उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा है।
नौ महीने में फूंके नौ हजार मीटर
जिले में पीवीवीएनएल की चार विद्युत मीटर परीक्षणशालाएं है। जिनमें से दो बड़ौत की दिल्ली रोड़ पर स्थित है, बाकी दो में से एक बागपत में व दूसरी खेकड़ा में है। मीटर्स विभाग के अनुसार एक विद्युत परीक्षणशाला में प्रति माह लगभग 250 फूंके विद्युत मीटर बदलने के लिए आते है। यानी चारों विद्युत परीक्षणशाला में एक माह में एक हजार फूंके मीटर हो जाते है। क्योंकि इस वर्ष के नौ माह बीत चुके है। ऐसे में अब तक जनपद में गत नौ माह में लगभग नौ हजार ही मीटर फूंक चुके है।
उपभोक्ताओं से वसूले जा चुके हैं करोड़ों रुपए
जब कोई उपभोक्ता नया विद्युत कनेक्शन लेता है तो उपभोक्ता से मीटर लगाने के एक हजार रुपये वसूले जाते है। ऐसी स्थिति में जब उपभोक्ता का मीटर फूंक जाता है तो उसे बदलने के नाम पर भी उपभोक्ता से ही एक हजार रुपये वसूल किए जाते हैं। यानी मीटर लगने व फूंकने तक एक उपभोक्ता को दो हजार रुपये की धनराशि देनी होती है। अब तक जनपद में नौ हजार मीटर फूंक चुके है। तो कुल मिलाकर 1 करोड़ 80 लाख रूपये उपभोक्ताओं से वसूले जा चुके है।
ये कंपनियां कर रही मीटरों की सप्लाई
पीवीवीएनएल को कैपिटल, एचपीएल, फ्लैस, सिक्योर, जीनयस, एलएंडटी, एमटी, एवोन व मैक्सवेल सहित आदि कंपनियां मीटर सप्लाई कर रही है। अधिकारियों के अनुसार कंपनियों के मीटर फूंकने की शिकायत प्रतिदिन बढ़ रही है। बढ़ती शिकायतों को देखते हुए कंपनियों को हर माह विभाग द्वारा रिमांइडर भी भेजा जाता है।
पिछले कई महीने से मिल रही शिकायत
विद्युत वितरण खंड प्रथम पर तैनात अधिशासी अभियंता प्रथम गोपाल सिंह, नगर की दिल्ली रोड़ स्थित विद्युत परीक्षणशाला प्रथम बड़ौत पर तैनात एसडीओ मीटर्स प्रभात भास्कर व विद्युत परीक्षणशाला द्वितीय पर तैनात एसडीओ अहराज अतर का कहना है कि पिछलें कई माह से मीटर खराब होने की शिकायत बढ़ रही है। परीक्षणशाला में मीटर जांच कर कंपनियों को बदलने के लिए भेज दिए जाते है। लेकिन इसके बाद भी ऊपरी स्तर से किसी प्रकार की कार्रवाई कंपनियों के ऊपर नहीं हो रही है।
BY: KP Tripathi
Updated on:
01 Oct 2021 04:16 pm
Published on:
01 Oct 2021 04:14 pm
बड़ी खबरें
View Allबागपत
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
