
छापेमारी की सांकेतिक तस्वीर फोटो जेनरेट Ai
बहराइच जिले के पयागपुर क्षेत्र में बुधवार को एक अवैध मदरसा प्रशासन की कार्रवाई में सामने आया। उपजिलाधिकारी (एसडीएम) अश्वनी पांडेय की टीम ने पटिहाट चौराहे पर इस मदरसे का निरीक्षण किया। शुरुआती दौर में मदरसा संचालकों ने टीम को अंदर जाने से रोकने का प्रयास किया। लेकिन प्रशासन की सख्ती के बाद उन्हें पीछे हटना पड़ा।
मदरसे में जांच के दौरान नौ से 14 वर्ष तक की लगभग 40 बच्चियां मिलीं। इनमें स्थानीय इलाकों के साथ-साथ श्रावस्ती और गोंडा जिलों की बच्चियां भी शामिल थीं। बताया गया कि कुछ बच्चियों को बाथरूम में छिपाने की भी कोशिश की गई। महिला कांस्टेबल ने सभी बच्चियों के नाम और पते नोट किए।
एसडीएम ने मदरसा संचालक खलील से पंजीकरण और संचालन संबंधी कागजात मांगें, लेकिन वह कोई दस्तावेज पेश नहीं कर सके। यह मामला तब उजागर हुआ जब एसडीएम को मदरसे में अनियमितताओं की शिकायत मिली थी। जांच पूरी करने के बाद टीम ने अपनी रिपोर्ट अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को भेज दी। स्थानीय लोग भी इस घटना से हैरान हैं। उनका कहना है कि उन्हें जानकारी नहीं थी कि इतने बड़ी संख्या में बच्चियां बिना किसी पंजीकरण वाले मदरसे में रह रही हैं। प्रशासन ने बच्चियों की सुरक्षा के लिए तुरंत कार्रवाई की। उन्हें संचालक की सुपुर्दगी में पुलिस के पास सौंप दिया। प्रशासन का यह कदम ऐसे अनियमित मदरसों पर नकेल कसने और बच्चों को सुरक्षित रखने की दिशा में अहम माना जा रहा है।
Published on:
26 Sept 2025 02:11 pm
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