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फिर बढ़ा भेड़ियों का आतंक, मासूम को मां की गोद से उठा ले गया, 90 दिन में 4 बच्चों को सुला दिया मौत की नींद

यूपी के इस जिले में भेड़ियों का आतंक फिर बढ़ गया है। 90 दिनों में भेड़ियों ने चार मासूम बच्चों को मौत के घाट उतार दिया। एक ताजा घटना में दिनदहाड़े मां की गोद से मासूम बच्चे को उठा ले गया। जिससे पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल है।

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Bahraich

भेड़िया की सांकेतिक फोटो जेनरेट AI

उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में एक बार फिर से भेड़ियों का खतरा लोगों के सिर पर मंडराने लगा है। शनिवार सुबह फखरपुर ब्लॉक के मंझारा तौकली गंदूझाला गांव में दिल दहला देने वाली घटना घटी। यहां रक्षाराम यादव का तीन वर्षीय बेटा अंकेश मां सरला देवी की गोद में दूध पी रहा था। अचानक भेड़िया झपट्टा मारकर बच्चे को उठा ले गया और खेतों की ओर भाग निकला।

मां की चीख-पुकार सुनकर ग्रामीण लाठी-डंडा लेकर दौड़े, लेकिन तब तक भेड़िया आंखों से ओझल हो चुका था। वन विभाग और पुलिस टीम मौके पर पहुंची तथा बच्चे की तलाश के लिए ड्रोन तक उड़ाए गए, मगर शाम तक कोई सुराग नहीं मिला। गांव में दहशत का माहौल है। लोग बच्चों को घरों से बाहर नहीं निकलने दे रहे हैं।

चार बच्चों को बना चुका शिकार

इस साल भेड़िया अब तक चार मासूमों पर हमला कर चुका है। तीन जून को गदामार के गढ़ीपुरवा का आयुष (2 वर्ष), 10 सितंबर को परागपुर की ज्योति (4 वर्ष), 12 सितंबर को बहोरवा की संध्या (सिर्फ 4 माह) और अब 20 सितंबर को अंकेश (3 वर्ष) इसकी शिकार सूची में शामिल हो गए। पिछले साल भी लगभग 10 लोग भेड़िये की चपेट में आ चुके थे।

पशुओं पर भी हमले जारी

इसी बीच कैसरगंज क्षेत्र के हरीरामापुरवा गांव में शनिवार शाम भेड़िये ने एक बकरी को भी निशाना बनाया। हालांकि, ग्रामीणों की भीड़ और शोरगुल के चलते वह बकरी को छोड़कर गन्ने के खेतों में भाग गया।

वन विभाग अलर्ट, कैमरे और पिंजरे लगाए

डीएफओ राम सिंह यादव ने बताया कि सरयू कछार क्षेत्र घनी झाड़ियों और गन्ने के खेतों से घिरा है। जहां शिकारी जानवर आसानी से छिप सकते हैं। स्थिति से निपटने के लिए इलाके को चार हिस्सों में बांटकर गश्ती दल तैनात किए गए हैं। पांच कैमरा ट्रैप, 15 सोलर सीसीटीवी, दो थर्मल ड्रोन और तीन पिंजरे लगाए गए हैं। टीम पगमार्क और अन्य संकेतों के आधार पर लगातार भेड़िये की तलाश कर रही है।