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MP में नक्सलवाद खत्म! 43 लाख के दो हार्डकोर नक्सली बालाघाट में सरेंडर

MP Naxal News: 35 साल बाद लाल आतंक का अंत, 43 लाख के नक्सलियों ने CRPF कैंप में सरेंडर किया, KB डिवीजन और मलाजखंड दलम के नक्सलियों ने हथियार छोड़े

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Madhya Pradesh Naxalism

मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले में अंतिम दो नक्सलियों ने भी आत्मसमर्पण कर दिया। (फोटो-पत्रिका)

MP Naxal News: मध्यप्रदेश में नक्सलवाद तेजी से खत्म हो रहा है। बालाघाट के नक्सली क्षेत्र से दो हार्डकोर माओवादी नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया। दोनों पर कुल 43 लाख रुपए का इनाम घोषित था। गुरुवार सुबह ही मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा था कि “नक्सलवाद अब समाप्ति की ओर है।” कुछ ही घंटों बाद यह बड़ा दावा जमीन पर सच साबित हुआ।

बालाघाट से आए ताजा अपडेट के अनुसार दो इनामी नक्सलियों छोटा दीपक और रोहित ने सरेंडर कर दिया है। नक्सल सेल और एएसपी बैहर आदर्शकांत शुक्ला ने गुरुवार को इसकी आधिकारिक पुष्टि की है।

लगातार टूट रहा नक्सली नेटवर्क

6 दिसंबर को कान्हा भोरमदेव डिवीजन के कबीर सहित 10 नक्सलियों ने हथियार डाले थे। इसमें दो नक्सली बच गए थे, जिनकी तलाश चल रही थी। 7 दिसंबर को मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ जोन के प्रभारी रामदेर मज्जी ने भी अपने 11 साथियों के साथ छत्तीसगढ़ के बकरकट्टा में आत्मसमर्पण कर दिया था। इसके बाद मलाजखंड दलम से जुड़े दीपक और रोहित ने ग्रामीणों की मदद से बिरसा थाना क्षेत्र की मझुरदा पंचायत के ग्राम कोरका स्थित CRPF कैंप में पहुंचकर समर्पण किया।

दोनों पर था 43 लाख का इनाम

छोटा दीपक, पालागोंदी (बालाघाट) का रहने वाला, तीन राज्यों में मोस्ट वांटेड था। उस पर 29 लाख रुपए का इनाम घोषित था। वह गोंदिया-राजनांदगांव-बालाघाट डिवीजनल कमेटी (DVCM) का सक्रिय सदस्य था और 1995 से नक्सली गतिविधियों में शामिल था। दूसरे नक्सली रोहित पर 14 लाख रुपए का इनाम था।

35 साल बाद लाल आतंक का अंत

बालाघाट क्षेत्र 35 वर्षों से नक्सलवाद की चपेट में था। राशिमेटा से शुरू हुई नक्सली हिंसा का सफर अब कोरका स्थित CRPF कैंप तक आकर थम गया है। केंद्र सरकार ने 21 मार्च 2025 को नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने का ऐलान किया था। इसके बाद सुरक्षा बलों ने रणनीति बदलते हुए अभियान तेज किया और नक्सल नेटवर्क तेजी से टूटता चला गया। अब बालाघाट को लगभग नक्सल-मुक्त जिला घोषित किया जा रहा है। गौरतलब है कि एमपी में एकमात्र बालाघाट जिला ऐसा था जो नक्सल प्रभावित था। यदि बालाघाट जिला पूरी तरह से नक्सलमुक्त हो गया है तो एमपी को भी नक्सलमुक्त कहा जा सकता है।

सीएम बोले- कई जिले नक्सलवाद मुक्त

इंदौर में सीएम मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश के कई जिले अब नक्सलवाद मुक्त हो चुके हैं। उन्होंने कहा-“कई सालों से चली आ रही नक्सल समस्या कांग्रेस के समय से थी, हमारी सरकार ने इसे खत्म करने का काम किया है।”