
फाइल फोटो: अखिलेश यादव
बलिया दौरे के दौरान समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने कई ज्वलंत मुद्दों पर अपनी राय जाहिर की। मीडिया से बातचीत में उन्होंने अंबेडकर-अखिलेश तुलना वाले विवादित पोस्टर से लेकर पाकिस्तान पर प्रधानमंत्री के बयान, और राहुल गांधी की कानपुर यात्रा तक, सभी पर बयान दिया।
गोंडा में लगाए गए पोस्टर में बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की तुलना अखिलेश यादव से की गई थी। इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए अखिलेश यादव ने कहा, "यह सीधे तौर पर बाबा साहेब का अपमान है। पोस्टर लगाने की गलती लोहिया वाणी संगठन के जिलाध्यक्ष लालचंद गौतम ने की है। मैं उनसे व्यक्तिगत रूप से बात करूंगा और सुनिश्चित करूंगा कि भविष्य में ऐसी गलती दोबारा न हो।"
दअसल लखनऊ में बुधवार को एक पोस्टर को लेकर सियासत गरमा गई जिसमें बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की तस्वीर के साथ समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव की आधी तस्वीर लगी हुई थी। यह पोस्टर लोहिया वाहिनी की ओर से लगाया गया था, जिसे लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कड़ी नाराजगी जताई है।
सपा के पोस्टर विवाद पर भाजपा सांसद रवि किशन ने नाराजगी जताई है। रवि किशन ने कहा, "हम निरंतर धरना देते रहेंगे जब तक अखिलेश यादव और सपा लिखित रूप से समस्त दलित समाज से माफी नहीं मांगते। वोट बैंक की राजनीति के लिए उन्होंने अपनी तुलना बाबा साहब अंबेडकर से करनी की कोशिश की। इससे घोर अपमान बाबा साहब का नहीं हो सकता।"
बहराइच में भाजपा कार्यकर्ताओं ने इस पोस्टर के विरोध में जोरदार प्रदर्शन किया। भाजपा जिला अध्यक्ष बृजेश पांडे के नेतृत्व में कार्यकर्ता अंबेडकर पार्क पहुंचे और जमकर नारेबाजी की। इस पोस्टर को बाबा साहब और दलित समाज का अपमान बताया गया। उन्होंने कहा कि अंबेडकर की तस्वीर को काटकर किसी अन्य नेता की तस्वीर लगाना अत्यंत आपत्तिजनक है और भाजपा इसका तीखा विरोध करती है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के संभावित खतरे से जुड़े बयान पर अखिलेश यादव ने कहा, "देश इस वक्त सरकार के साथ खड़ा है। यह समर्थन किसी पार्टी के लिए नहीं, बल्कि राष्ट्र की सुरक्षा के लिए है। सरकार को इस विषय में गंभीरता से ठोस निर्णय लेने चाहिए।" पानी आपूर्ति से जुड़े भारत-पाक समझौतों को रद्द किए जाने पर उन्होंने चिंता जताई और नोटबंदी का हवाला देते हुए कहा कि जैसे नोटबंदी का फैसला बिना तैयारी के लिया गया, वैसा ही कुछ न हो। पानी अभी पूरी तरह बंद नहीं हुआ है, सिर्फ समझौते रद्द किए गए हैं।
पुलवामा और पहलगाम हमलों का ज़िक्र करते हुए उन्होंने बीजेपी से तीखे सवाल पूछे। कहा, "जनता अब जवाब चाहती है। इन मुद्दों पर बीजेपी के पास कोई स्पष्ट उत्तर नहीं है। आज देश का हर नागरिक सच जानता है।" इसके साथ ही अखिलेश यादव ने भारत सरकार के उस निर्णय को कूटनीतिक बताया जिसमें पाकिस्तानी नागरिकों को वापस भेजा गया। उन्होंने कहा, "यह सिर्फ दिखावा नहीं बल्कि एक गंभीर और जरूरी कूटनीतिक प्रक्रिया का हिस्सा है।"
Published on:
30 Apr 2025 07:35 pm
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