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40 बिस्तर नेत्र अस्पताल बनकर तैयार, दो से तीन दिन में शुरू हो सकता है संचालन

स्वास्थ्य विभाग के सीजीएमएससी विभाग ने अस्पताल परिसर में 40 बिस्तर नेत्र अस्पताल बनकर तैयार हो गया है, जिसे जिला अस्पताल को हैंडओवर भी कर दिया है।

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स्वास्थ्य विभाग के सीजीएमएससी विभाग ने अस्पताल परिसर में 40 बिस्तर नेत्र अस्पताल बनकर तैयार हो गया है, जिसे जिला अस्पताल को हैंडओवर भी कर दिया है।

Eye Hospital :बालोद जिलेवासियों को स्वास्थ्य में एक और सौगात मिलने जा रही है। जल्द जिला अस्पताल परिसर में सर्वसुविधायुक्त नेत्र अस्पताल की सुविधा मिल जाएगी। स्वास्थ्य विभाग के सीजीएमएससी विभाग ने अस्पताल परिसर में 40 बिस्तर नेत्र अस्पताल बनकर तैयार हो गया है, जिसे जिला अस्पताल को हैंडओवर भी कर दिया है। नेत्र अस्पताल राष्ट्रीय अंधत्व एवं अल्प दृष्टि कार्यक्रम के तहत बनाया गया है। यहां समान व कुर्सी टेबल की शिफ्टिंग की जाएगी। दो से तीन दिनों के भीतर ही नेत्र विभाग का संचालन हो शुरू हो जाएगा।

नेत्र रोग विशेषज्ञ नहीं

जिले में नेत्र रोग विशेषज्ञ नहीं है। नेत्र रोग विशेषज्ञ नहीं होने के कारण जिला अस्पताल में एक साल से एक भी नेत्र ऑपरेशन नहीं हुआ है और न ही मोतियाबिंद का ऑपरेशन हुआ है। सिर्फ नेत्र जांच तक ही विभाग सीमित है। कई लोग तो अन्य जिले के अस्पतालो में जाकर नेत्र ऑपरेशन करा रहे हैं।

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75 लाख से बना नेत्र अस्पताल

शासन ने अस्पताल भवन कुल 75 लाख की लागत से बनाया है। अब 25 लाख से फर्नीचर की खरीदी होगी। कुल एक करोड़ खर्च होंगे।

नेत्र अस्पताल में होंगी सभी सुविधाएं

जिला अस्पताल में प्रतिदिन नेत्र रोग की जांच कराने मरीज आ रहे हैं। एक ही ऑपरेशन कक्ष में है। इस कक्ष में सभी प्रकार के ऑपरेशन होते हैं। कई बार किसी कारणवश ऑपरेशन थिएटर के अंदर संक्रमण हो जाए तो उसे बंद कर दिया जाता है। अलग से नेत्र ऑपरेशन कक्ष होने से मरीजों को भटकने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

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बढ़ रहे मोतियाबिंद के मरीज

जिले में हर साल मोतियाबिंद के मरीज मिल रहे हैं। मोतियाबिंद जांच व ऑपरेशन के लिए जिला अस्पताल भी आ रहे हैं। चिकित्सक मोतियाबिंद के मरीजों का समय पर इलाज भी कर रहे हैं। सिर्फ नेत्र अस्पताल होने पर इलाज के साथ दवाई मिलेगी। जिले में मोतियाबिंद के लगभग एक हजार मरीज है।

आखिर कब होगी नेत्र रोग विशेषज्ञ की भर्ती

जिला अस्पताल में एक नेत्र विशेषज्ञ थे। वे बीते साल अगस्त में जिला अस्पताल से चले गए। उनके जाने के बाद से एक भी नेत्र रोग विशेषज्ञ नहीं आए, जिसके कारण में नेत्र ऑपरेशन नहीं हो रहा है।

जल्द होगी नेत्र रोग विशेषज्ञ की भर्ती

सिविल सर्जन डॉ. आरके श्रीमाली ने कहा कि नवनिर्मित नेत्र अस्पताल को सीजीएमएससी विभाग ने जिला अस्पताल को हैंडओवर किया है। जल्द कुर्सी टेबल की शिफ्टिंग की जाएगी। नेत्र रोग विशेषज्ञ की जल्द भर्ती हो सकती है।