
Tandula reservoir बालोद सहित दुर्ग, बेमेतरा जिले की प्यास बुझाने के बाद तांदुला जलाशय अब खुद प्यासा है। वहीं भिलाई स्टील प्लांट पर भी संकट खड़ा हो गया है। प्लांट के पास बने बांध में लगभग एक माह के लिए पानी बचा है। तांदुला जलाशय से तीन जिले के लगभग 900 तालाबों को भरने के बाद अब भिलाई स्टील प्लांट की धमनभट्ठी को शांत कराने 800 क्यूसेक पानी छोड़ दिया गया है। अब जलाशय में कुछ पानी शेष बचेगा। सिंचाई विभाग की माने तो तांदुला में 16.75 प्रतिशत पानी बचा है। पानी छोडऩे के बाद पानी और कम हो जाएगा।
गंगरेल जलाशय से बीएसपी को पानी दिया जाता है। यह काफी वर्षो बाद है, जब गंगरेल जलाशय में पानी की कमी है। वहीं बहुत कम पानी होने के कारण इस बार भिलाई स्टील प्लांट को गंगरेल से पानी नहीं जा रहा है।
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जिले में चार प्रमुख जलाशय है। चारों जलाशय प्यासे हैं। तांदुला व गोंदली जलाशय का हाल बुरा है। तांदुला में 16.75 प्रतिशत पानी है। गोंदली जलाशय में 7.46 प्रतिशत पानी बचा है। खरखरा में 24.18 व मटियामोती में 24.14 प्रतिशत पानी बचा हुआ है।
हर बार देखा जाता है जब जलाशय में पानी कम हो जाता है तो आसपास जल स्तर भी कम हो जाता है। इस बार तो सभी जलाशयों में पानी कम है। इस स्थिति में भू-जल स्तर पर भी प्रभाव पड़ेगा। जिस तरह से जलाशयों में जलभराव की स्थिति है। अब अच्छी बारिश से ही जलाशयों में जलभराव की स्थिति सुधर सकती है।
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जलाशयों में जलभराव की 23 प्रतिशत होना जरूरी है। जलाशय में वाष्पीकरण के लिए 23 प्रतिशत जल बचाना बेहद जरूरी है। इस बार मटियामोती व खरखरा जलाशय को छोड़ तांदुला व गोंदली में बहुत कम पानी है।
जल संसाधन विभाग बालोद के ईई पीयूष देवांगन ने कहा कि उच्च अधिकारी के आदेशानुसार भिलाई स्टील प्लांट के लिए तांदुला जलाशय से 800 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।
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Published on:
29 May 2024 11:29 pm
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