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9 साल की बच्ची से दुष्कर्म, परिवार को धमकाकर 18 दिन तक गांव वालों ने दबाए रखा मामला, नशे में पिता ने बयां किया दर्द

घर में खेल रही नौ साल की बच्ची को अकेला पाकर नाबालिग ने उसे अपनी हवस का शिकार बना लिया। खेत से लौटे माता-पिता को जब बेटी ने अपनी पीड़ा बताई तब वे उसे लेकर गांव की जनपंचायत में पहुंचे।

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Misdemeanor

9 साल की बच्ची से दुष्कर्म, परिवार को धमकाकर 18 दिन तक गांव वालों ने दबाए रखा मामला, नशे में पिता ने बयां किया दर्द

बालोद/गुरुर . घर में खेल रही नौ साल की बच्ची को अकेला पाकर नाबालिग ने उसे अपनी हवस का शिकार बना लिया। खेत से लौटे माता-पिता को जब बेटी ने अपनी पीड़ा बताई तब वे उसे लेकर गांव की जनपंचायत में पहुंचे, लेकिन गांव के प्रमुख लोग ही उसकी मदद करने की बजाय मासूम के साथ हुए दुष्कर्म की बात को दबाने में लग गए। गांव वालों की दहशत के चलते 18 दिन परिवार अपनी बेटी के साथ अपने दर्द को दबाए बैठा रहा।

15 साल के अपचारी के खिलाफ प्रकरण दर्ज
बेटी को इंसाफ नहीं दिला पाने वाला मजबूर पिता ने जब शराब पी तो नशे में धुत होकर उसने लोगों को अपनी तकलीफ बयां कर दी। इसका खुलासा होने पर लोग सकते में आ गए। गांव के खिलाफ कोई आवाज नहीं उठा सकता था, लेकिन इस बीच घटना की सूचना पुलिस तक पहुंच गई। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की निगरानी में मामले की तफ्तीश शुरू हुई और शनिवार को गुरूर थाने में 15 साल के अपचारी के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया गया।

पुलिस डायरी से : ब्लॉक मुख्यालय से सटे गांव में बच्ची के साथ दुष्कर्म
घटना ब्लॉक मुख्यालय से सटे गांव की है। 9 जुलाई को 9 वर्षीय बच्ची घर मे अकेली खेल रही थी। उसके पिता काम से बाहर गए थे, मां खेत पर गई थी। तभी गांव का लड़का घर में घुस आया और दरिन्दगी को अंजाम दिया। इस बात का खुलासा 27 जुलाई को हुआ। पुलिस ने दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट के तहत अपचारी के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया है। फिलहाल आरोपी फरार है।

थाने में शिकायत नहीं की, पर नशे में पहुंचा अस्पताल
पुलिस थाने मे मामले की शिकायत नही की गई थी। नशे में धुत पिता इसी हालत में अस्पताल पहुंच गया, वहंा उसने बेटी की तकलीफ बताई। बीएमओ डॉ. आरआर रावटे ने उसे एफआइआर कराने की सलाह दी। लेकिन नशा उतरने के बाद पिता चुप्पी साध गया, लेकिन मामला खुल चुका था, इसलिए सूचना पुलिस तक पहुंच गई।

महिला विवेचक नहीं थी, गुंडरदेही थाना प्रभारी को बुलाया
इस मामले की तफ्तीश के लिए थाने में महिला विवेचक नहीं थी। वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर गुंडरदेही थाना प्रभारी सरिता तिवारी को प्रकरण जांच के लिए सौंपा गया। दो दिन की जांच के बाद एफआइआर दर्ज हुई। केस डायरी उन्हीं के पास है इसलिए फिलहाल थाना पुलिस कुछ भी नहीं बोल रही है। गुरुर थाना प्रभारी हेमंत चंद्राकर का कहना है कि दिनभर की जांच के बाद मामला दर्ज कर विवेचना में लिया है। विवेचना पूरी होते ही जानकारी दी जाएगी।

सभी को बताई पीड़ा, नशा उतरते ही मुकरा
पीडि़त पिता नशे में धुत होकर अस्पताल पहुंच गया वहंा उसने बेटी की तकलीफ बताई। उसकी व्यथा सुनकर लोगों ने उसके साथ सहानुभूति जताई और पुलिस की मदद लेने को कहा, लेकिन वह शाम तक वहीं रहा।शाम होते-होते शराब का नशा कम होते ही पिता कार्रवाई कराने से मुकरने लगा। हालांकि इस बीच मामला पुलिस तक पहुंच गया।

पुलिस दे इनके जवाब
इतने संवेदनशील मामले में गांव वालों की क्या भूमिका थी?
पिता की बात को सही मानें तो कौन हैं आरोपी के मददगार?
परिवार को चुप कराने धमकी देने वालों पर कार्रवाई कब होगी?
किसका खौफ है जो नशा उतरते ही पिता अपनी बात से मुकरा?
पुलिस ने पीडि़ता और परिवार की सुरक्षा के क्या इंतजाम किए?

आरोपी फरार है
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जेआर ठाकुर ने बताया जब तक मामले की जांच पूरी नहीं होती तब तक कुछ भी कह नहीं सकेंगे। प्रकरण दर्ज कर लिया गया है। 15 साल का आरोपी फरार है।