Lok Sabha Elections 2024 : साल 1998 से कांग्रेस कांकेर लोकसभा में वापसी नहीं कर सकी है। अब स्थिति और गंभीर होती जा रही है। इस बार उम्मीद थी कि कांग्रेस 26 साल के सूखे को खत्म कर कांकेर सीट जीतेगी, लेकिन महज 1844 मतों के मामूली अंतर से भाजपा चुनाव जीतने में सफल भी हो गई। जहां पहले कांग्रेस की जीत हो रही थी, वहीं अब कांग्रेस हार रही है। कांग्रेस की हार का कारण प्रत्याशी चयन में देरी व कांकेर लोकसभा के कई गांवों में वह खुद जाकर प्रचार नहीं कर सके, इसके अलावा मोदी की गारंटी का जादू भी इसका प्रमुख कारण है।
सबसे बड़ा सवाल यह भी है, जो लोगों में चर्चा है। जिले की तीनों विधानसभा में कांग्रेस के विधायक हैं। जब विधानसभा चुनाव होता है तो कांग्रेस अच्छे मतों से जीत हासिल करती है। लेकिन कुछ लोकसभा चुनाव से जिले के तीनों विधानसभा में कांग्रेस के विधायक रहने के बाद भी लोकसभा चुनाव जीत नहीं सकी।
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एक समय ऐसा भी था, जब शहर में कांग्रेस मजबूत थी। बीते कुछ वर्षों से भाजपा ने शहर में काफी मेहनत की है। नतीजा यह है कि विधानसभा में लगभग 2300 और लोकसभा चुनाव में लगभग 5 हजार वोट से कांग्रेस पीछे रही। ऐसे में आने वाले चुनाव में कांग्रेस के लिए खतरे की घंटी है।
छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव में बीरेश ठाकुर सबसे कम वोट से चुनाव हारे है। इससे पहले बीरेश ठाकुर 2019 के लोकसभा चुनाव में 6914 वोट के अंतर से हारे थे। इस बार उनका प्रदर्शन बीते चुनाव से बेहतर रहा। इस बार वह मात्र 1884 वोट से हारे। बीरेश ठाकुर चुनाव जरूर हारे, लेकिन पार्टी में उनका कद भी बढ़ा। इस बार उनका प्रदर्शन बीते साल की तुलना में बेहतर रहा है।
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जिले की बात करें तीनों विधानसभा में से सिर्फ डौंडीलोहारा विधानसभा में अभी तक भाजपा कांग्रेस को हरा नहीं पाई है। लेकिन संजारी-बालोद व गुंडरदेही कांग्रेस के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। यहां उसे हार का सामना करना पड़ा।
कांग्रेस के बीरेश ठाकुर की हार की बात करे तो प्रत्याशी चयन में देरी की थी। वहीं भाजपा ने चुनाव की तिथि घोषित होने से पहले ही अपने प्रत्याशी तय कर दिए थे और चुनाव प्रचार में जुट गए थे। वहीं भाजपा के भोजराज नाग ने सबसे ज्यादा प्रचार बालोद जिले के तीनों विधानसभा में किया। बीरेश ठाकुर हर गांव में सम्पर्क नहीं कर सके। इस बार मोदी की गारंटी ने काम किया। कांग्रेस की न्याय की बात पर मतदाताओं ने भरोसा नहीं किया।
कांग्रेस प्रत्याशी बीरेश ठाकुर, पूर्व विधायक भैयाराम सिन्हा, कांग्रेस जिला अध्यक्ष चंद्रप्रभा सुधाकर सहित नेताओं ने कहा कि आखिर इतनी बड़ी संख्या में डाक मत पत्र को निरस्त क्यों किया गया। निर्वाचन आयोग दोबारा डाक मत पत्र की गिनती करता तो जरूर कांग्रेस को बढ़त मिलेगी।
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राउंड - भाजपा - कांग्रेस
पहला - 33929 - 31420
दूसरा - 40051 - 29492
तीसरा - 32920 - 29818
चौथा - 33265 - 32016
पांचवा - 35052 - 29602
छठवां - 37566 - 27208
सातवां - 33107 - 28607
आठवां - 29997 - 30861
नौवां - 28396 - 32105
दसवां - 25400 - 33048
ग्यारहवां - 28340 - 34060
बारहवां - 29910 - 36674
तेरहवां - 30136 - 34447
चौदहवां - 32792 - 29276
पंद्रहवां - 30850 - 31048
सोलहवां - 31876 - 32464
सत्रहवां - 25533 - 30944
अट्ठारहवां - 24620 - 24033
उन्नीसवां - 18600 - 21403
बीसवां - 8412 - 9501
इक्कीसवां - 4187 - 4849
बाईसवां - 246 - 392
डाक मतपत्र - 2439 - 2472
मतगणना के बाद अब राजनीतिक दल हार व जीत की समीक्षा करेंगे। फिलहाल अभी कांग्रेस का पूरा ध्यान डाक मत पत्र की पुन: गणना पर है। जैसे ही यह प्रक्रिया पूरी होती है तो फिर हार जीत की समीक्षा करेंगे।
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Updated on:
05 Jun 2024 11:47 pm
Published on:
05 Jun 2024 11:42 pm