
अनजान लिंक को न करें ओपन, न दें ओटीपी!(photo-patrika)
CG Cyber Fraud: छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में साइबर ठग हर वर्ग के लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। पुलिस विभाग लगातार जागरुकता अभियान चला रही है, इसके बाद भी लोग ठगी के शिकार हो रहे हैं। पुलिस जिला साइबर विभाग के मुताबिक जिले में साइबर ठगी के इस साल 410 से अधिक मामले में लगभग 87 लाख रुपए ठगी हो चुकी है।
हालांकि पुलिस कई साइबर ठगी के मामले को सुलझा चुकी है, लेकिन कई मामलों की जांच अभी भी चल रही है। जिला साइबर सेल प्रभारी धरम भुआर्य ने अपील भी की कि साइबर ठगी के नए-नए मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे में ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है।
साइबर ठगी के पेडिंग मामलों पर अब पुलिस ने जांच पड़ताल शुरू कर दी है। पुलिस जल्द साइबर क्राइम के कुछ मामलों में बड़ी कार्रवाई कर सकती है। पुलिस लगातार जागरुकता अभियान चलाकर लोगों को साइबर ठगी से बचाने प्रयास कर रही है। स्कूल कॉलेजों व गांवों में जाकर जागरूक कर रही है।
साइबार सेल के मुताबिक अभी साइबर ठगी के नए मामले सामने आए हैं। ठग लोगों के मोबाइल को हैक कर एपीके फाइल वाट्सऐप पर भेज रहे हैं। इस फाइल को खोल कर डाउनलोड करने क्लिक करने पर सीधे बैंक खाते से राशि निकल रही है। जिले में इस तरह के दो मामले सामने आ चुके हैं। कई लोगों के वाट्सऐप पर यह फाइल भी भेजी गई थी। सतर्कता से खाते से राशि कटने से बच गई। लेकिन दो लोग ठगी के शिकार भी हो गए। इसमें एक डौंडीलोहारा का बीएसपी कर्मी है, जो बीते माह मोबाइल में आए एपीके फाइल खोलने के बाद वह 12 लाख रुपए के ठगी के शिकार हो गया।
साइबर सेल प्रभारी धरम भुआर्य ने बताया कि साइबर ठगी का जाल शहरों के साथ गांवों में भी पहुंच गया है। ठग सोशल मीडिया ऐप में शादी कार्ड के अलावा पीएम आवास योजना के नाम पर लिंक भेज रहे हैं। लिंक को देखकर कई लोग इंस्टॉल ओपन भी कर रहे हैं। इसके बाद मोबाइल हैंग व हैक हो रहा है। लोगों को ठगी से बचाने पुलिस विभाग की ओर से अलर्ट जारी किया गया है। वे अनजान लिंक को ओपन न करें और किसी को ओटीपी दें।
कॉलर की पहचान हमेशा आधिकारिक बैंक चैनल से वेरिफाई करें। स्क्रीन शेयरिंग केवल भरोसेमंद लोगों के साथ और तभी करें जब बहुत जरूरी हो। मोबाइल और ऐप्स को हमेशा अपडेट रखें। वित्तीय और मैसेजिंग ऐप्स में टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन ऑन करें। परिवार, खासकर बुजुर्गों व महिलाओं को ऐसे फ्रॉड के बारे में जागरूक करें।
अनजान नंबर या संदिग्ध कॉल का जवाब न दें। स्क्रीन शेयरिंग के दौरान कभी भी बैंकिंग या यूपीआई ऐप का इस्तेमाल न करें। दबाव में आकर ओटीपी, पासवर्ड या पिन न डालें।
Updated on:
18 Aug 2025 02:02 pm
Published on:
18 Aug 2025 02:00 pm
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