
सरकारी अस्पतालों में नहीं एंटी रैबीज वैक्सीन
बालोद . बरसात के दिनों में जब कुत्ते का आतंक सबसे अधिक होता है, तब जिले के सरकारी अस्पतालों में लोगों को लगाने के लिए एंटी रैबीज वैक्सीन नहीं है। जिला अस्पताल सहित जिले के अन्य सरकारी अस्पतालों में बीते 20 दिनों से एंटी रैबीज वैक्सीन नहीं होने से कुत्ते के काटने के बाद मरीज बाजार से महंगे दाम पर वैक्सीन खरीदकर लगवाने को मजबूर हैं।
मांग के अनुसार नहीं पहुंच रहा वैक्सीन
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कॉर्पोरेशन में एंटी रैबीज वैक्सीन का स्टॉक लगभग खत्म हो गया है। सप्लाई बाधित होने से अस्पतालों में मांग के अनुसार वैक्सीन नहीं पहुंच रहे हैं। कुत्ता काटने के आठ घंटे के भीतर मरीज को एंटी रैबीज का पहला डोज लगाना अनिवार्य है। मरीजों को न चाहते हुए भी निजी अस्पतालों व मेडिकल स्टोर्स से वैक्सीन खरीदकर लगाना पड़ रहा है। शहर में कुत्तों के आतंक की बात करे तो केवल जिला अस्पताल में ही हर तीसरे दिन कुत्ते काटने के मरीज आ रहे हैं।
280 रुपए में खरीदना पड़ा वैक्सीन
जिला मुख्यालय के पारागांव निवासी आरएन देवांगन ने बताया कि उनके 12 वर्षीय बेटे अनिमेश देवांगन को 31 मई को कुत्ते ने काट दिया था, जिसके लिए उसे लगातार पांच डोज लगाना है। चार डोज लगाया जा चुका है, लेकिन पांचवें डोज के लिए जिला अस्पताल गए तो वैक्सीन खत्म हो गया था। जिसके बाद बाजार में मेडिकल स्टोर से 280 रुपए में वैक्सनी खरीदकर लाया, तब अंतिम डोज लगा। ऐसे ही परेशानी ग्रामीण क्षेत्र में भी हो रही है।
सालभर में 50 लोगों को कुत्ते ने काटे
शहर में आवारा कुत्तों का आतंक खत्म होने का नाम नहीं ले रहा। पिछले एक साल में लगभग 50 से लोगों को आवारा कुत्तों ने काटा। इनमें बड़ी संख्या बच्चों और महिलाओं की है। अब जिला अस्पताल सहित जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में वैक्सीन खत्म हो जाने से पीडि़तों की परेशानी बढ़ गई है। लोग तत्काल एंटी रैबीज बैक्सीन उपलब्ध कराने की मांग कर रहे हैं।
सिविल सर्जन एसपी केशरवानी ने बताया एंटी रैबीज वैक्सीन खत्म हो गया है, इसकी मांग की गई है। दो-तीन दिनों के भीतर उपलब्ध हो जाएगा।
Published on:
01 Jul 2018 09:25 am
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