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हे भगवान : छत्तीसगढ़ के इस जिले में एक साल में 19 नाबालिग और 9 महिलाओं के साथ हुई दंरिदगी

क्या हमारा बालोद जिला महिलाओं और युवतियों के लिए सुरक्षित नहीं है। यह सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि मानवता को शर्मसार करने वाली घटनाओं का दाग लगा है। सन् 2012 से 2019 मई तक 8 साल 5 महीने के जारी आंकड़े चिंता को बढ़ाता है।

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हे भगवान : छत्तीसगढ़ के इस जिले में एक साल में 19 नाबालिग और 9 महिलाओं के साथ हुई दंरिदगी

बालोद@Patrika. क्या हमारा बालोद जिला महिलाओं और युवतियों के लिए सुरक्षित नहीं है। (Balod patrika)यह सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि मानवता को शर्मसार करने वाली घटनाओं का दाग लगा है। सन् 2012 से 2019 मई तक 8 साल 5 महीने के जारी आंकड़े चिंता को बढ़ाता है। (Balod patrika crime news) जारी रिपोर्ट में 147 नाबालिग व 92 महिलाएं हैवानियत का शिकार हुई है। (CG Police) पुलिस विभाग का कहना है कि इस तरह की घटनाओं को रोकने पूरा प्रयास किया जा रहा है। जिले के सभी थाना व चौकियों को निर्देशित किया गया है। (incident of shame to humanity)

सख्त कानून का भी प्रभाव नहीं
निर्भया कांड के बाद कानून को सख्त बनाया गया है। जिसमें पॉक्सो एक्ट के तहत कठोर कानून में नवीन धाराओं को जोड़ा गया है। जिसमें किसी भी नाबालिग के घर से लापता होने या किसी के बहला फुसलाकर ले जाने पर भी धारा अपरण का मामला दर्ज किया जाता है। इसके अलावा नबालिगों से किसी भी तरह की अशोभनीय हरकत करने पर पर पास्को एक्ट की धाराओं में मामला दर्ज करने के सख्त निर्देश है। अगर किसी पर पास्को एक्ट लगता है तो उसे जमानत नहीं मिलती। यही हाल महिलाओं की सुरक्षा को लेकर है। इस तरह कठोर कानूनों के बाद जिले में बलात्कार और छेड़छाड़ की घटनाओं में इजाफा हुआ है।

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2014 से 2017 तक सबसे अधिक अपराध
आंकड़े के मुताबिक बीते सात वर्ष में नाबालिगों व महिलाओं के साथ दुष्कर्म के मामले कभी बढ़े हैं तो कभी घटे हैं। 2012 और 2013 में यह मामले कम थे पर 2014 से 2017 तक यह मामले बढ़े हैं। वर्ष 2014 से 2017 तक नाबालिगों से दुष्कर्म के मामले हर साल 20 से 26 के बीच थी, तो महिलाओं से दुष्कर्म के मामले भी 10 से 20 के मध्य थे। जबकि सन् 2012 और 2013 में यह मामला 10 और 12 ही थे। अब 2019 में मात्र पांच माह के भीतर ही 19 नबालिक और 9 महिलाओं के साथ दुष्कर्म की घटनाएं दर्ज हुई है। नाबालिगों के साथ दरिंदगी के अधिक मामले जिले में हैवानों ने 95 महिलाओं के साथ दुष्कर्म किया तो चौकाने वाली बात यह है की 147 नाबालिगों की अस्मत भी हैवानों ने लूटी है।

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अपने ही घर में छुपा कई शैतान, पालक रखे अपने बच्चों का ख्याल

जिले में दुष्कर्म के मामले को देखें तो अधिकतर मामले में रिश्तेदार या करीबियों ने ही नबालिक बच्चियों व महिलाओं से दुष्कर्म की घटनाओं को अंजाम दिया है। इस चौकाने वाले खुलासे के बाद तो स्थिति बेहद सोचनीय और चिंताजनक हो है कि क्या अपनों के बीच में भी महिलाएं व बच्चियां सुरक्षित नहीं है।आंकड़ों के मुताबिक कई दुष्कर्म के मामले तो घर के रिश्तेदार ने ही अंजाम दिया है। यह पालक और माता पिता के लिए चिंता का विषय है। उन्हें बच्चों पर सतत निगरानी रखना जरूरी हो गया है ताकि बच्चे कुसंगतियों से दूर रहे।

15 साल की छात्रा के साथ गांव के ही दो हैवानों ने चार साल तक डरा धमकाकर दुष्कर्म किया
बालोद थाना अंतर्गत एक गांव में कक्षा नवमी की 15 साल की छात्रा के साथ गांव के ही दो हैवानों ने चार साल तक डरा धमकाकर दुष्कर्म किया। किसी को बताने पर बच्ची को मार देने की धमकी देते रहे। बच्ची ने चार साल तक इस घटना की जानकारी किसी को नहीं दी और अंदर ही अंदर पीड़ा सहती रही। जिससे बच्ची की मानसिक स्थिति बिगड़ गई। कक्षा पहली से आठवीं तक हर साल टॉप रहने वाली छात्रा लगातार पिछडऩे लगी। वह शारीरिक व मानसिक रुप से बेहद कमजोर हो गई है। बच्ची को अपने साथ हुए घटना का सदमा अभी भी है। मुख्य आरोपी हरिराम पहले भी बलात्कार करने के जुर्म में सजा भोग चुका है।

आरोपियों ने मांगी माफी, पुलिस ने लगाई फटकार
जब आरोपियों को पुलिस गिरफ्तार कर थाना लाई तो पहले तो दोनों आरोपी गिड़गिड़ाते रहे और पुलिस से माफी मांगने लगे। तब पुलिस ने इन दोनों को कड़ी फटकार लगाई और कहा कि जो अपराध किए हो वह माफी के लायक ही नहीं है। इस घटना की सजा तो कानून देगा।

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पुलिस बोली दिलवाएंगे कठोर सजा
इस मामले पर पुलिस अधीक्षक एमएल कोटवानी ने कहा कि दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। जेल जाते समय मुख्य आरोपी हरिराम का तेवर फिर बदल गया। उसका रवैया ऐसा था कि उसे घटना को लेकर कोई पछतावा नहीं है।

बेटियो की सुरक्षा समाज की सामूहिक जिम्मेदारी

डीआरपोर्ते, एएसपी बालोद ने कहा कि महिलाओं, बेटियो की सुरक्षा समाज की सामूहिक जिम्मेदारी है। हर किसी को अपने स्तर पर जागरूकता का प्रयास करना होगा । पुलिस भी समय समय पर जागरूकता अभियान चला कर लोगों को जागरूक कर रही है। ऐसे कृत्य करने वाले अपराधियों को भी कड़ी सजा मिले इसका पुलिस पूरा प्रयास करती है।

पालकों को भी बच्चों के प्रति संवेदनशील रहने की जानकारी दी जा रही

गजानंद साहू, जिला बाल संरक्षण अधिकारी बालोद ने कहा कि बढ़ते मामले चिंतनीय है पर लोगो को जागरूक करने व्यापक प्रचार- प्रसार कर रहे हैं। हर ग्राम पंचायतों में बाल संरक्षण समिति बनाई गई है। बच्चों के पालकों को भी बच्चों के प्रति संवेदनशील रहने की जानकारी दी जा रही है। इसके अलावा बच्चों व पालकों को जागरूकता के लिए हैंडबुक भी दिया जा रहा है ताकि उसे पढ़कर जागरूक हो।

समाज के लिए चिन्ता का विषय

हितेश्वरी मेश्राम, जिला महिला संरक्षण अधिकारी बालोद ने कहा कि लगातार बड़ रहे दुष्कर्म के मामले समाज के लिए चिन्ता का विषय है। महिलाओं और बच्चों को जन चौपाल लगाकर इसके प्रति जागरूक कर रहे हंै, साथ ही सेल्फ डिफेन्स के तरीके भी बताए जा रहे है। लोग को भी जागरूक रहना होगा।