
प्रबंधक का दावा : सजगता से इस बार नहीं होगा धान संग्रहण केंद्र में नुकसान
बालोद/गुरुर @ patrika . ग्राम धोबनपुरी स्थित धान संग्रहण केंद्र में इस साल नुकसान नहीं होने की बात कही जा रही है। माना जा रहा है कि कुशल प्रबंधन एवं विपणन संघ की सजगता से यह संभव हो सकेगा। @ patrika . गुरुर विकासखंड के ग्राम धोबनपुरी में राज्य सहकारी विपणन संघ का धान संग्रहण केंद्र है। यहां प्रतिवर्ष सुखद, चूहा, दिमक व अन्य कारणों से करोड़ों रुपए का नुकसान होता था, लेकिन इस वर्ष विपणन संघ की सजगता, त्वरित निर्णय लेने व अन्य सुधारों के कारण नुकसान की स्थिति नहीं रहेगी।
खरीदी केंद्रों से धान सूखने के बाद संग्रहण केंद्र पहुंचा
संग्रहण केंद्र में सबसे अधिक नुकसान धान के सूखने से होने वाले वजन की कमी से होता था। करोड़ों का धान सुख जाता था लेकिन इस वर्ष यह स्थिति नहीं रहेगी। संग्रहण केंद्र में समितियों से धान क्रय करने के महीनों बाद पहुंचा है जिससे धान की नमी में सूखने की स्थिति खरीदी केंद्रों में ही रही। अर्थात खरीदी केंद्रों से धान सूखने के बाद संग्रहण केंद्र पहुंचा है। वहीं संग्रहण केंद्र में आने के बाद यहां धान लंबे समय तक नहीं रुका। विपणन संघ की बेहतर व्यवस्था के कारण विवादों के बाद भी धान के परिवहन की गति तेज रही, जिससे संग्रहण केंद्र में धान सुखद रहने की स्थिति लगभग शून्य रहने की संभावना है।
कांटा में अंतर भी बड़ा कारण
संग्रहण केंद्र से मिलरों को जो धान दिया जा रहा है उसमें एक क्विंटल तक अंतर होने की शिकायत लगातार मिलर कर रहे हैं। अर्थात प्रति गाड़ी संग्रहण केंद्र से एक क्विंटल धान कम मिल रहा है। प्रभारी आरके दुबे ने कहा कांटा में अंतर का धान कभी भी मिलों को नहीं दिया जाता।
बेहतर प्रबंध से चूहा, दीमक से कर रहे बचाव
इधर दावा किया जा रहा है कि संग्रहण केंद्र प्रभारी व कर्मचारियों के बेहतर प्रबंधन से केंद्र में चूहा एवं दीमक व अन्य कीट प्रकोप से भी नुकसान की संभावना शून्य हुई है। केंद्र में धान का उठाव लगातार तेज गति से चल रहा है जिससे भी नुकसान की संभावना कम है। वहीं धान के नीचे भूसे की बोरी की परत जमाई गई थी जिससे भी चूहों से नुकसान कम होगा। बेहतर प्रबंधन के कारण विपणन संघ को कीट नियंत्रण जैसे बचाव करने की आवश्यकता कम पड़ रही है। इससे भी केंद्र को नुकसान कम होने की संभावना है।
बारिश से बचाव की व्यवस्था की
इस वर्ष लगातार मौसम बदल रहा है। संग्रहण केंद्र में धान स्टेक के साथ ही प्लास्टिक कैप से ढक दिया गया है। वहीं नीचे धान भूसा बोरी की मोटी परत जमाई गई है जिससे बारिश से भी नुकसान नहीं होगा। फड़ प्रभारी आरके दुबे ने कहा संग्रहण केंद्र में नुकसान कम से कम हो ऐसा प्रयास किया गया है। इस वर्ष शून्य नुकसान रखने का लक्ष्य रखा गया है और पूरी संभावना है कि हम नुकसान कम करने में सफल रहेंगे।
Published on:
30 Mar 2019 08:30 am
बड़ी खबरें
View Allबालोद
छत्तीसगढ़
ट्रेंडिंग
