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MBA पास, लेकिन अपराधी बन गया डायरेक्टर… माइक्रोफाइनेंस कंपनी के डायरेक्टर ने निवेशकों से झांसे में लिए करोड़ों, ओडिशा से गिरफ्तार

Fraud News: छत्तीसगढ़ में एक ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है जिसने उच्च शिक्षा हासिल करने के बाद भी समाज के नियमों को ताक पर रख ठगी का रास्ता अपनाया।

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ठगी का आरोपी गिरफ्तार( फोटो सोर्स- पत्रिका)

ठगी का आरोपी गिरफ्तार( फोटो सोर्स- पत्रिका)

Fraud News: छत्तीसगढ़ में एक ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है जिसने उच्च शिक्षा हासिल करने के बाद भी समाज के नियमों को ताक पर रख ठगी का रास्ता अपनाया। आरोपी ने एमबीए तक की पढ़ाई की थी, लेकिन इसके बावजूद वह लोगों को फर्जी दस्तावेज और झूठे वादों के जरिए ठगता रहा।

बता दें कि विगत वर्षों से फरार चल रहे चिटफंड कपनी के डायरेक्टर काली प्रसाद को भुवनेश्वर ओडिशा से गिरफ्तार किया गया। आरोपी ने माइक्रिलीजिंग एंड फंडिंग लिमिटेड और माइक्रोफाइनेंस चिटफंड कंपनी का डायरेक्टर रहते हुए निवेशकों से करोड़ों की धोखाधड़ी की थी। उसके खिलाफ थाना बालोद में धारा 420, 34, 467, 468, 471, 406 भादंवि, 3, 4, 5 इनामी चिटफंड व धन परिचालन स्कीम पाबंदी अधिनियम, धारा 10 छत्तीसगढ़ निक्षेपकों के हितो का संरक्षण अधिनियम दर्ज था।

ऐसे पकड़ाया आरोपी

बता दें कि मामले में पुलिस अधिक्षक योगेश कुमार पटेल के मार्गदर्शन में एएसपी मोनिका ठाकुर व डीएसपी बालोद देवांश सिंह राठौर के पर्यवेक्षण में थाना बालोद व साइबर सेल से एक टीम गठित कर चिटफंड के फरार आरोपी की पतासाजी के लिए टीम ओडिशा के भुनेश्वर भेजी गई। टीम ने वहां कई दिन कैप कर लोकल मुखबिर की मदद से कई वर्षों से फरार चिटफंड कंपनी के डायरेक्टर काली प्रसाद मिश्रा को गिरफ्तार करने में सफलता पाई।

आरोपी ने की है एमबीए तक की पढ़ाई, फिर ठगी का चुना रास्ता

आरोपी कालीप्रसाद मिश्रा ने बताया कि उसने एमबीए तक की पढ़ाई की है। माइक्रोलिजिंग एंड फंडिग लिमिटेड, माइक्रोफाइनेंस कंपनी हेड ऑफिस भुनेश्वर का वर्ष 2004 से 2013-14 तक डायरेक्टर रहा। इस दौरान कंपनी के नियमानुसार छत्तीसगढ़ के बालोद जिला क्षेत्र में अपने एजेंट के माध्यम से विभिन्न निवेशकों से लाभांश देने का झांसा देकर करोडो़ं रुपए कंपनी में जमा करवाए। कंपनी ने जब-जब भी निवेशकों से रकम जमा करवाए और बाउंड पेपर में पावती भी दिए। 2014 से 2016 के बीच कंपनी की जांच शुरु होने से उसने जहां-जहां कंपनी का ऑफिस खुला था। उसे बंद कर दिया।

आरोपी ने छत्तीसगढ़ में कंपनी के डायरेक्टर पद से 2013-2014 में रिजाइन दे दिया था, जब कंपनी के नाम पर छत्तीसगढ़ में कई जगह अपराध रजिस्टर्ड होने लगा तब से आरोपी गिरतारी के भय से छीप कर रह रहा था। आरोपी कुछ पैसे अपने जान-पहचान से उधार लेकर फिल्म लाइन में छोटे छोटे रिल्स बनाकर अपना जीवन-यापन करता रहा। कार्रवाई में थाना प्रभारी बालोद निरीक्षक शिशुपाल सिन्हा, उप निरीक्षक कमला यादव, साइबर सेल प्रभारी धरम भुआर्य, प्रधान आरक्षक रूमलाल चुरेंद्र, आरक्षक भोप साहू, संदीप यादव, पुरण देवांगन, गुलझारी साहू, रवि साहू का विशेष सराहनीय योगदान रहा।