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एक दिन पहले चारों ओर लहलहा रही थी, दूसरे दिन फसल गायब

चैनगंज निवासी किसान परिवार ने रेगहा में पहली बार खेत बोवाई की थी। फसल तैयार हो गई थी, कि सालभर की मेहनत पर आवारा मवेशियों ने पानी फेर दिया।

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एक दिन पहले चारों ओर लहलहा रही थी, दूसरे दिन फसल गायब

बालोद/गुंडरदेही. मुख्यालय के राजस्व कार्यालय व पुलिस थाना के सामने चैनगंज निवासी किसान परिवार ने रेगहा में पहली बार खेत बोवाई की थी। फसल तैयार हो गई थी, कि सालभर की मेहनत पर आवारा मवेशियों ने पानी फेर दिया। एक दिन पहले देखकर गए थे कि खेत की फसल रातभर में गायब हो गई। रविवार की सुबह किसान जब खेत पहुंचा तो वहां केवल ठूंठ ही ठूंठ दिखाई दे रही थी। उसका रो-रो कर बुरा हाल है। उन्होंने बताया खेत मालिक को फसल काटने से पहले एडवांस राशि दे दी थी।

खेत में पककर तैयार हो गई थी फसल
जानकारी अनुसार खेत में पककर तैयार धान की फसल को शनिवार की रात को आवारा मवेशियों ने चट कर दिया। किसान महिला ललिता सोनी ने बताया वह जब सुबह 11 बजे खेत पहुंची तो खेत की हालत देखकर उनके आंसू निकल पड़े। पूरी फसल खेत से गायब थी। वह खेत में ही गुहार लगाकर रोने लगी। इस दौरान आसपास के किसानों ने उसे ढांढस बंधाया और समझाया।

सूचना पर तहसीलदार ने पटवारी को भेजा
घटना की जानकारी के बाद स्थानीय संवाददाता ने तहसीलदार आरके सोनकर को इस संबंध में जानकारी दी, तो वे आधे घंटे के अंदर पटवारी आरएल बंजारे को खेत भेजा। जहां पटवारी बंजारे ने खेत का मुआयना किया और पीडि़त महिला किसान को आश्वास्त किया कि फसल नुकसान की जानकारी एसडीएम व तहसीलदार को दी जाएगी।

घर के कर्ज को चुकाने के लिए खेत बोवाई की थी
ललिता बाई ने बताया रेग पर लेने के बाद उस खेत में फसल तैयार करने लगभग 18 हजार रुपए खर्च कर चुकी हैं। ललिता बाई के 22 वर्षीय बेटा मजदूरी कर जीवन-यापन करते हैं। पति की 8 साल से स्वास्थ्य खराब होने के कारण घर की आर्थिक स्थिति कमजोर है। जानकारी दी कि वे घर में कर्ज को खेती करके छूटना चाहती थी, लेकिन उल्टा हो गया। खेत देखकर कर्ज की चिंता सताने लगी है। उन्होंने बताया वह खेती करने के लिए 7 हजार रुपए का निजी लोन लिया है।

उच्च अधिकारी को देंगे रिपोर्ट
गुंडरदेही तहसीलदार आरके सोनकर ने कहा प्राकृतिक रूप से अगर फसल नुकसान होता तो शासन से मुआवजा का प्रावधान है। फिर भी इसकी जानकारी हम उच्च अधिकारी को रिपोर्ट बनाकर देंगे।