
वाहन चलाने का शौक रखने वाले बहुत से लोग यातायात के नियमों का पालन नहीं करते है। कई लोग तो लाइसेंस बनाना भी उचित नहीं समझते हैं। यही कारण है कि दुर्घटना के बाद कानूनी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
Lack of awareness : वाहन चलाने का शौक रखने वाले बहुत से लोग यातायात के नियमों का पालन नहीं करते है। कई लोग तो लाइसेंस बनाना भी उचित नहीं समझते हैं। यही कारण है कि दुर्घटना के बाद कानूनी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। लाइसेंस नहीं होने के कारण सड़क दुर्घटना के बाद बीमा की राशि संबंधित को नहीं मिल पाती है।
अतिरिक्त क्षेत्रीय परिवहन विभाग के मुताबिक जिले में दो साल तीन माह में 26428 लोगों ने वाहन खऱीदा है और रजिस्ट्रेशन करवाया है, लेकिन मात्र 13396 लोगों ने ही लाइसेंस बनवाए हैं। इनमें से कुछ ने लर्निंग लाइसेंस ही बनवाया, लेकिन रेगुलर लाइसेंस नहीं बनाया है।
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गाडिय़ों के हिसाब से लाइसेंस में उसी अनुपात में वृद्धि नहीं होने के पीछे भी तर्क है। जानकारों का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्र में आर्थिक समृद्धि और किश्तों में गाडिय़ों की बिक्री होने से शहरों के बराबर ही कस्बों में गाडिय़ों की बिक्री हो रही है। गाड़ी आसानी से ग्रामीण इलाकों में मिल रही है। लाइसेंस के लिए उन्हें जिला मुख्यालय आना पड़ता है। यही वजह है कि ग्रामीण लाइसेंस बनाने में रुचि नहीं ले रहे हैं।
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यातायात विभाग समय-समय पर वाहनों की चेकिंग करता है। एक बाइक पर तीन सवारी बैठाने के अलावा हेलमेट, लाइसेंस की भी जांच की जाती हैं। बाइक चालक जुर्माना भर देते हैं, लेकिन लाइसेंस बनवाने चालकों को प्रेरित करने के लिए कोई उपाय नहीं किया जा रहा है। जिस तरह पुलिस हेलमेट जागरुकता अभियान चला रही है, उसी तरह लाइसेंस बनाने भी अभियान छेडऩे की जरूरत है।
आरटीओ के मुताबिक जनवरी से मार्च तक कुल 3010 नई गाडिय़ों का पंजीयन हुआ है। इसके विपरीत सिर्फ 1,444 लोगों ने ही लाइसेंस बनवाए हैं।
वर्ष - लाइसेंस बने - वाहन खरीदी
2023 - 4820 - 10,888
2024 - 7032 - 13,530
2025 मार्च तक - 1444 - 3010
जिले में सबसे ज्यादा वाहनों की खरीदी दिवाली व नवरात्रि के समय होती है। हालांकि वाहनों की खरीदी का सिलसिला सालभर चलता रहता है, लेेकिन दिवाली में ज्यादा खरीदी की जाती है।
आरटीओ विभाग के मुताबिक मोटरसाइकिल खरीद रहे हो तो आपके पास लाइसेंस भी अवश्य होना चाहिए। जिले के कई शो रूम भी ऐसे हैं, जहां डीलर वाहन बेच देते हैं, लेकिन लाइसेंस के बारे में पता नहीं करते हैं।
जिला परिवहन अधिकारी प्रकाश रावटे ने बताया कि वाहन शो रूम संचालकों को निर्देशित किया गया है कि वाहन देते समय संबंधित व्यक्ति से लाइसेंस की जानकारी लें। उसके पास लाइसेंस नहीं है तो बनाने प्रेरित करें। आरटीओ, पुलिस व यातायात विभाग की ओर से समय-समय पर जागरुकता अभियान चलाया भी जा रहा है।
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Updated on:
14 May 2025 11:51 pm
Published on:
14 May 2025 11:50 pm
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