
बसंत पंचमी पर अरंडी के पेड़ की शाखा गड़ाई, होलिका के लिए लकड़ी की जाएगी एकत्र
बालोद. जिला मुख्यालय में बसंत पंचमी का पर्व मनाने का तरीका अलग ही हैं। हर साल अरंडी के पेड़ की शाखा को गाड़ा जाता है। बसंत पंचमी पुराना बस स्टैंड, गांधी भवन, बुधवारी बाजार व शिकारी पारा में यह परंपरा नगरवासियों ने निभाई। पुराना बस स्टैंड शिव हनुमान मंदिर व शहरवासियों ने अरंडी पेड़ की टहनी को गड़ाई और पूजा की। यह परंपरा लगभग 71 साल से संजोए रखे हैं। होलिका दहन के लिए लकड़ी इकट्ठा करना शुरू कर दिया। पुराना बस स्टैंड में सबसे पहली होलिका जलाई जाती है। यहीं से नगर के अन्य जगहों में आग ले जाकर होलिका जलाई जाती थी। समय के साथ सब बदल गया। लेकिन आज भी परंपरा जीवित है। मंदिर समिति के अध्यक्ष शरद अग्रवाल ने बताया कि बसंत पर्व के दिन अरंडी का पेड़ लगाने की पुरानी परंपरा है। अरंडी का पेड़ लगाने के 30 दिन यानी एक माह बाद होलिका दहन होता है। तब तक इस जगह होलिका दहन के लिए लकड़ी इकट्ठा की जाती है।
बसंत पर्व पर की विशेष पूजा
शिव हनुमान मंदिर सलाहकार समिति के तरुण बड़तिया ने बताया कि परंपरा को आज तक टूटने नहीं दिया। युवाओं को भी आगे ला रहे हैं। युवाओं ने बसंत पूजन किया।
गांधी भवन के पास अरंडी पेड़ की शाखा स्थापित
बालोद. बसंत पंचमी पर ऐतिहासिक स्थल गांधी भवन के निकट पूजा अर्चना कर होलिका स्वरूप अरंडी का पेड़ होलिका दहन पूर्व स्थापित किया गया। इस अवसर पर टिकरापारा के हृदयराम यादव, पूर्णानंद आर्य, योगेश ठाकुर, शेखर यादव, विनोद जैन, हेमलाल आर्य, सुशील आर्य, मनोज साहू, सूरज यादव, नीलम शर्मा, वीरेंद्र ठाकुर, जयलाल ठाकुर, खिलु आर्य, योगेंद्र ठाकुर, हितेश यादव, मोनू यादव आदि उपस्थित थे।
Published on:
27 Jan 2023 11:45 pm
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