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CG News: दुबई से भारत नहीं आ रहे भगोड़े पति व सास, तलाक लिए बगैर कर लिया दूसरा विवाह

CG News: एक मामले में भरण-पोषण नहीं देने वाले सास और पति के दुबई में होने पर पासपोर्ट निरस्त करने के भी आदेश दिए।

बालोद

Love Sonkar

Jun 13, 2025

CG News: दुबई से भारत नहीं आ रहे भगोड़े पति व सास, तलाक लिए बगैर कर लिया दूसरा विवाह
डॉ. नायक की अध्यक्षता में प्रदेश स्तर पर 323वीं सुनवाई (Photo Patrika )

CG News: राज्य माहिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक, सदस्य ओजस्वी मंडावी व लक्ष्मी वर्मा ने गुरुवार को संयुक्त जिला कार्यालय के सभाकक्ष में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रकरणों पर जनसुनवाई की। डॉ. नायक की अध्यक्षता में प्रदेश स्तर पर 323वीं व बालोद जिले की 5वीं सुनवाई हुई। जिले के 16 प्रकरणों पर सुनवाई की गई। एक मामले में भरण-पोषण नहीं देने वाले सास और पति के दुबई में होने पर पासपोर्ट निरस्त करने के भी आदेश दिए।

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एक प्रकरण में आवेदिका प्रधानपाठिका और अनावेदक बीईओ डौंडी जिला बालोद हैं। आवेदिका ने कहा कि अनावेदक उनके स्कूल का आए दिन निरीक्षण करते हैं। उन्हें नोटिस देते हैं। दिसबर 2024 का उनका वेतन रोक दिया गया और दो दिन का वेतन भी काट दिया। अनावेदक का कहा कि आवेदिका रायपुर से 150 किमी से आना जाना करती है। मुख्यालय में नहीं रहने से काम प्रभावित होता है। उभयपक्षों की सुनने के बाद दोनों को समझाइश दी गई। दस्तावेज के साथ कितने बार औचक निरीक्षण और कितनी बार नोटिस दिया। अनावेदक स्पष्ट करें कि जिस अवधि में आवेदिका के स्कूल का निरीक्षण किया गया है।

अनावेदक महिला ने बताया कि आवेदक सास और उसका पति दुबई चले गए हैं। वे उसके बेटे का भरण पोषण नहीं दे रहे हैं। अनावेदक महिला अपने माता-पिता पर आश्रित है। पति और सास दुबई से भारत नहीं आ रहे हैं। महिला को समझाइश दी गई कि अपने पति और आवेदक सास के खिलाफ बालोद थाना में दहेज प्रताड़ना का अपराध कायम करें और पति और सास का पासपोर्ट निरस्तीकरण की कार्यवाही प्रारंभ करें।

दस्तावेज आयोग में करें प्रस्तुत

उन 6 माह में अन्य स्कूलों में निरीक्षण किया गया है। एक माह के भीतर उभय पक्ष अपने दस्तावेज आयोग में प्रस्तुत करें। उसके बाद आवश्यकता अनुसार आयोग की ओर से औचक निरीक्षण अथवा उचित कार्यवाही किया जायेगा। प्रकरण की आगामी सुनवाई रायपुर में होगी।

मातृत्व अवकाश अब 180 दिन स्वीकृत

एक प्रकरण में आवेदक महिला ने 6 माह का मातृत्व अवकाश के लिए आयोग में आवेदन प्रस्तुत किया था, जिसमें अनावेदक 90 दिन का अवकाश स्वीकृत कर रहे थे। लेकिन आयोग में प्रकरण दर्ज करने पर अनावेदक पक्ष के द्वारा आवेदिका को 180 दिन का मातृत्व अवकाश दिया गया है, जिसके कारण आवेदिका अपना प्रकरण वापस लेना चाहती है।

तलाक लिए बगैर किया दूसरा विवाह

आवेदक ने बताया कि उसके पति ने उससे तलाक लिए बगैर दूसरा विवाह कर लिया है। उसके बच्चे भी हैं। इस मामले में तत्कालीन कलेक्टर खैरागढ़ के द्वारा आवेदक के पति की सेवा समाप्त की अनुशंसा की गई थी, जिस पर कोई विभागीय अनुशंसा कार्यवाही नहीं की गई। महिला अपने प्रकरण की शीघ्र सुनवाई के लिए रायपुर में स्थानांतरण कराना चाहती है। प्रकरण की आगामी सुनवाई रायपुर में की जाएगी।