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शरद पूर्णिमा आज, चंद्रग्रहण की रहेगी छाया

शनिवार को शरद पूर्णिमा पर साल का अंतिम चंद्रग्रहण लगेगा। यह ग्रहण अश्वनी नक्षत्र में मेष राशि पर पड़ेगा। साल में एक बार चंद्रमा अपनी 16 कलाओं के साथ उदित होता है। इस बार खंडग्रास चंद्रग्रहण है।

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कहीं ग्रहण के बाद चांद की रोशनी में रखेंगे खीर, कहीं दूसरे दिन मनाएंगे शरद पूर्णिमा

चांद

बालोद. शनिवार को शरद पूर्णिमा पर साल का अंतिम चंद्रग्रहण लगेगा। यह ग्रहण अश्वनी नक्षत्र में मेष राशि पर पड़ेगा। साल में एक बार चंद्रमा अपनी 16 कलाओं के साथ उदित होता है। इस बार खंडग्रास चंद्रग्रहण है। शरद पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी की पूजा को शुभ माना जाता है। ग्रहण होने के कारण कुछ मंदिरों में चंद्र ग्रहण समाप्त होने के बाद खीर चांद की रोशनी में रखेंगे। वहीं कुछ स्थानों में 29 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा का आयोजन होगा।

शाम 4.05 बजे से लगेगा सूतक, 1.05 बजे शुरू होगा ग्रहण
ज्योतिषाचार्य सतीश सोनी ने बताया कि अश्वनी शुक्ल पक्ष पूर्णिमा यानी शरद पूर्णिमा 28 अक्टूबर को है। इसी दिन मध्य रात्रि में चंद्रग्रहण लगेगा। इसे संयोग कहा जाएगा कि चंद्रमा में शत्रुता का भाव रखते शनि के शनिवार शरद पूर्णिमा की रात खंडग्रास चंद्र ग्रहण लग रहा है। इसका सूतक, स्नान, दान, पुण्य कर्म, नियम सभी मान्य होंगे। पंचांग के अनुसार रात 1.05 बजे ग्रहण का स्पर्श होगा। सूतक काल 9 घंटे पहले शाम 4.05 बजे से शुरू हो जाएगा।

ग्रहण पर्वकाल
28-29 अक्टूबर
स्पर्श - रात्रि 1.05 बजे
मध्य - रात्रि 1.44 बजे
मोक्ष - रात्रि 2.23 बजे
ग्रहण पर्वकाल 1.18 घंटे का होगा।

सूतक काल व ग्रहण के समय में वर्जित कार्य
उन्होंने बताया कि धर्मशास्त्रों में सूतक प्रारंभ होने के बाद मूर्ति स्पर्श, अनावश्यक खाना-पीना, निद्रा, नाखून काटना आदि वर्जित माना गया है। झूठ, वाद-विवाद आदि से भी दूर रहने का उल्लेख मिलता है। सूतक में बालक, वृद्ध, रोगी एवं गर्भवती स्त्रियों के यथानुकूल भोजन या दवाई लेने में कोई दोष नहीं लगता है। पका अन्न, कटी हुई सब्जी या फल ग्रहण काल में दूषित हो जाते हैं, उन्हें खाना नहीं चाहिए।