Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

मातृ-शिशु अस्पताल का फायर फाइटिंग सिस्टम वर्षों से बंद, ऑडिट के बाद भी मरम्मत नहीं

मुख्यमंत्री जी एसएनसीयू (मातृ शिशु देखभाल केंद्र) में लगे फायर फाइटिंग सिस्टम विगत वर्षों से बंद है। बंद सिस्टम का ऑडिट तीन साल पहले किया गया, लेकिन आज तक इसकी मरम्मत कराने व सही स्थिति में करने पर न शासन ने ध्यान दिया और न ही प्रशासन ने।

2 min read
Google source verification
मुख्यमंत्री जी एसएनसीयू (मातृ शिशु देखभाल केंद्र) में लगे फायर फाइटिंग सिस्टम विगत वर्षों से बंद है। बंद सिस्टम का ऑडिट तीन साल पहले किया गया, लेकिन आज तक इसकी मरम्मत कराने व सही स्थिति में करने पर न शासन ने ध्यान दिया और न ही प्रशासन ने।

Fire Fighting मुख्यमंत्री जी एसएनसीयू (मातृ शिशु देखभाल केंद्र) में लगे फायर फाइटिंग सिस्टम विगत वर्षों से बंद है। बंद सिस्टम का ऑडिट तीन साल पहले किया गया, लेकिन आज तक इसकी मरम्मत कराने व सही स्थिति में करने पर न शासन ने ध्यान दिया और न ही प्रशासन ने। उत्तरप्रदेश के झांसी स्थित मेडिकल कॉलेज के आईसीयू में हुई आगजनी की घटना में 10 नवजात बच्चों की मौत हो गई। इतनी बड़ी घटना से जिला स्वास्थ्य विभाग ने कोई सबक ही नहीं लिया है। शायद विभाग को भी बड़ी घटना का इंतजार है। जिला अस्पताल परिसर में बने एसएनसीयू में आगजनी की घटना को रोकने के लिए ऑटोसेंसर फायर सेफ्टी सिस्टम लगाया गया है। जबसे यह लगा है, सिर्फ एक बार इसकी जांच की गई।

ट्रायल की योजना बनी, लेकिन अमल नहीं हुआ

पत्रिका ने एसएनसीयू में लगाए गए फायर सेफ्टी सिस्टम को लेकर प्रमुखता से समाचार भी प्रकाशित किया। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने सिस्टम का ट्रायल करने की योजना बनाई, लेकिन अभी तक ट्रायल नहीं कर सके।

यह भी पढ़ें :

पालिका क्षेत्र में जबरन गुमटी लगा रहे थे, वन समिति के अध्यक्ष, विरोध के बाद वापस ले गए

बच्चों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़

जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग अस्पताल के फायर सेफ्टी सिस्टम का कब ट्रायल करेगा, यह पता नहीं है। ट्रायल के लिए तारीख पर तारीख दे रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग व जिला प्रशासन को भी इसे गंभीरता से लेना होगा। सुस्त कार्रवाई से बात नहीं बनेगी।

सिस्टम शो पीस बनकर रह गया है

अस्पताल में लगे फायर सेफ्टी सिस्टम लगाया गया। अस्पताल सूत्रों के मुताबिक वर्तमान में यह सिस्टम पूरी तरह से बंद है। यहां तक पानी टंकी से जोड़ी गई मुख्य पाइप भी निकाल ली है। यहां सिस्टम सिर्फ शो पीस बनकर रह गया है।

यह भी पढ़ें :

नेशनल हाइवे की स्ट्रीट लाइट कमजोर, खरखरा केनाल के पास अंधेरा, दुर्घटना का खतरा

शासन को जानकारी दे दी

सिविल सर्जन डॉ. आरके श्रीमाली ने कहा कि वर्तमान में फायर फाइटिंग सिस्टम बंद है। इसका ऑडिट कुछ साल पहले किया गया था। शासन को जानकारी दे दी गई है। आगे की कार्यवाही शासन स्तर पर होगी। वर्तमान में पूरा अस्पताल में अग्निशमन यंत्र लगाया गया है। सभी चालू स्थिति में है।