
CG Crime News: अप्रवासी मजदूरों के खाने और बच्चों की शिक्षा के नाम पर लाखों का भ्रष्टाचार करने वाले मनोहरा गांव के सरपंच रामेश्वर साहू को बर्खास्त कर दिया गया है। मामले में सचिव को भी दोषी पाया गया है। दोनों से 6.13 लाख से ऊपर की वसूली की जानी है। भ्रष्टाचार का ये मामला करीब साढ़े तीन साल पुराना है, जिस पर एसडीएम कोर्ट ने हाल ही में फैसला सुनाया है।
मिली जानकारी के अनुसार, गांव के पुनाराम साहू ने 28 सितंबर 2021 को पहली बार भ्रष्टाचार की शिकायत की थी। इसमें उनसे बताया था कि सरपंच ने लक्ष्मी ट्रेडर्स के भोलाराम वर्मा को 4 लाख का भुगतान किया था। सरपंच-सचिव ने ऑन रेकॉर्ड बताया कि प्राइमरी-मिडिल स्कूल में निर्माण हो रहा है। इसी के लिए खरीदी गई सामग्री का भुगतान है। जबकि, हकीकत में ऐसा कोई निर्माण ही नहीं हुआ है।
इसी तरह सरपंच-सचिव ने कोरोनाकाल में अप्रवासी मजदूरों के भोजन में भ्रष्टाचार किया। 106 अप्रवासी मजदूरों को 14 दिन तक 60 रुपए प्रति थाली के हिसाब से खाना खिलाया गया। टोटल हिसाब बन रहा था 89 हजार। सरपंच-सचिव ने 1.93 लाख निकाल लिए। मतलब 1.04 लाख का शुद्ध भ्रष्टाचार। 2021 में शिकायत के बाद लंबे समय तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद पुनाराम ने दोबारा एसडीएम से शिकायत की।
शिकायत मिलने पर एसडीएम अंशुल वर्मा ने सिमगा सीईओ अमित दुबे को जांच के निर्देश दिए। दुबे ने आशीष सिन्हा, हरीशचंद्र साहू, एसके गेंडरे और लव डोंगरे की संयुक्त जांच टीम बनाई। जांच प्रतिवेदन में विभिन्न मदों से खर्च किए गए 6.13 लाख रुपए सरपंच-सचिव से वसूली योग्य बताए (CG Crime News) गए हैं। उपरोक्त तथ्यों के आधार पर एसडीएम ने पाया कि सरपंच-सचिव ने शासकीय राशि का दुरूपयोग व अनियमितता करते हुए स्कूल मरम्मत में बिना कार्य के राशि आहरण किया है। ऐसे में रामेश्वर साहू को कर्तव्यों के निर्वहन में अवचार का दोषी मानते हुए ग्राम पंचायत मनोहरा के सरपंच पद से बर्खास्त कर दिया गया है।
Published on:
06 Sept 2024 01:34 pm
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