
संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी (Photo Patrika)
CG News: बीते एक माह से प्रदेश भर में हड़ताल पर बैठे 16 हजार एनएचएम संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए स्वास्थ्य सचिव द्वारा पत्र जारी कर हड़ताल को खत्म करने एवं 16 सितंबर 2025 तक कार्य में वापस लौटने को कहा गया था। साथ ही सभी जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को आदेश दिए गए थे कि सभी हड़ताली कर्मचारियों को संविदा भर्ती नियम अनुसार एक माह का नोटिस देते हुए सेवा समाप्ति करने को आदेश जारी हुआ है। जिसका बुधवार को पूरे 16 हजार संविदा कर्मचारियों द्वारा इनका खंडन किया और अपनी नाराजगी व्यक्त की गई।
इन कर्मचारियों ने कहा हमें अफसोस है कि एक ओर हमारे स्वास्थ्य मंत्री 10 मांगों में से 5 मांगे पूर्ण करने और बची हुए 5 मांगे के लिए केंद्र को पत्र लिखने की बात करते हैं, मतलब शासन अपने और हमारे हड़ताल के बीच का रास्ता बना रहे है।
वहीं उनके ही प्रशासन एनएचएम संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों के हड़ताल के विरुद्ध कार्यवाही पर कार्यवाही कर रहें हैं। यह हमारे लिए दूसरी बार पत्र जारी हुआ है। पहले कार्यवाही आदेश के खिलाफ हम 16 हजार संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी पहले ही सामूहिक रूप से त्याग पत्र दे चुकें हैं। हड़ताली कर्मचारियों ने कहा कि हम 16 हजार कोरोना योद्धा कहे जाने वाले संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी इन आदेशों का खंडन करते हैं और इस पत्र से हम बिलकुल भी डरने वाले नहीं हैं। हमारा कोई भी साथी फिर से ज्वाईनिंग नहीं करने वाले हैं, हड़ताल जारी है और जारी रहेगी। अब आश्वासन नहीं आदेश चाहिए।
इसी क्रम में हड़ताल के 30वें दिन में बलौदा बाजार के सभी 421 एनएचएम संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बलौदा बाजार द्वारा भी एनएचएम संविदा सेवा भर्ती नियम के अनुसार एक माह पूर्व नोटिस देते हुए 421 कर्मचारियों की सेवा समाप्ति पत्र जारी किया गया है, जिसका बलौदा बाजार के सभी कर्मचारियों ने खंडन किया और विरोध जताते हुआ सभी पत्र को आग लगाकर फूक दिया। कर्मचारियों ने कहा कि हममें से कोई भी आज अपने काम पर वापस उपस्थित नहीं हुए हैं, कोई ज्वाईनिंग नहीं किया है। हमारा आंदोलन जारी है और जारी रहेगा।
पिछले 30 दिन से पूरे प्रदेश के 16 हजार एनएचएम संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर लगातार हड़ताल पर हैं और आज पूरे प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह प्रभावित है। इन कर्मचारियों का कहना है कि हम कभी भी हड़ताल में जाने को तैयार नहीं थे। हमें शासन प्रशासन ने हड़ताल में आने और इतने लंबे समय तक आंदोलन में बने रहने पर मजबूर किया गया है। हमने सरकार के सत्ता आने के बाद से अब तक लगातार 160 बार से अधिक अपने मांगों को लेकर आवेदन निवेदन करते रहें। हमें मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, वित्त मंत्री, केबिनेट मंत्री और सभी विधायकों सांसदों को ये पत्र देकर निवेदन किया है। वर्तमान सरकार 100 दिन में मांगों पूरी करने वाली मोदी की गारंटी को भी पूरा नहीं कर रही तो हमने अंत में हड़ताल का रास्ता अपनाया है।
Updated on:
18 Sept 2025 11:16 am
Published on:
18 Sept 2025 11:15 am
बड़ी खबरें
View Allबलोदा बाज़ार
छत्तीसगढ़
ट्रेंडिंग
