चेतनाराम कमार मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह , प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने घर-घर शौचालय बनाने के लिए पैसा भेज रहे हैं, लेकिन सरपंच सचिव बीच में गोलमाल कर रहे हैं। गरीबी के कारण शौचालय बनाने के लिए बोल रहा हूं। पूछे रहे हो तो मैं बोल रहा हूं, नहीं तो मैं बोलता नहीं। बचपन में पिताजी चल बसे मेरी मां हम पांच भाई बहनों का लालन पालन और पोषण कर रही है। आठवीं तक सब भाई-बहनों को तो पढ़ा दिया, अब आगे की पढ़ाई के लिए गरीबी रोड़ा बन गई। मेरी इच्छा आज भी पढ़ाई करने की है, मां का कहना है कि ले देकर दो वक्त की रोटी का जुगड़ कर पाती हूं, आगे की पढ़ाई कहां से करा पाऊंगी।चेतन राम कमार ने जिम्मेदारों से गुहार लगाई है कि साहब मेरे घर में भी शौचालय जल्द बनवा दो, ताकि मुझे शौंच के लिए जंगल न जाने पड़ी।
मेरी विकलांगता पर सरपंच, उपसरपंच को तरस नहीं आथा। हाथ, पैर और पीठ से विकलांग ने अपनी दुखभरी बातें बताते हुए कहा कि वह 8वीं पास है। चपरासी का काम हास्टल या स्कूल में मिल जाएगा तो वह मां के लिए बहुत बड़ा सहारा बन सकता है। वह कब तक मां पर बोझ बना रहेगा। बस इतना कर दो साबह काम चपरासी का दिलवाना, शौचालय तो जरूर बनवाना और कुछ नहीं चाहिए।
कमार विकास अभिकरण परियोजना के तहत जिला मुख्यालय गरियाबंद में कमारों को लिए लाखों करोड़ों का बड़ा बजट मिलने के बाद भी ग्राम मडेली जनपद पंचायत चुरा निवासी चेतना कमार को कोई सरकारी मदद नसीब नहीं हुई। शासन ने शासकीय नौकरी में कमार भुंजिया विशेष जनजाति को सीधी भर्ती का आदेश है, इसके बाद भी अभिकरण के अधिकारी इतना पैसा कहां खपा रहे। विशेष जनजाति के लोग जंगल में पारा, टोला में बसे हुए हैं।
कोई सरकारी मदद नसीब नहीं
इन तक अधिकारी नहीं पहुंचते। क्योंकि चेतन के घर तक जाने के लिए पक्का रास्ता नहीं हा, न ही साहब लोग पैदल उसके गांव कभी नहीं आए। चेतन कमार ने बताया कि ग्राम मडेली की सरपंच कुमारी और सरपंच पति से घर में शौचालय निर्माण करा देने की गुहार कई बार लगा चुका है, लेकिन उनके द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। कमार दवात सिंह पिता बिरझूराम, जनक पिता धरम जांगड़े, फगनी बाई, परसूराम, रम्भा बाई पति पुनितराम, पंचराम पिता दल्लू राम सहित सौ से भी अधिक लोग है जिनके घरों में शौचालय अब तक नहीं बना है। अधिकतर लोगों का शौचालय अपूर्ण है। शासन द्वारा सरपंच-सचिव के बैंक खाते में रकम पहुंचने के बाद भी हितग्राहियों के खाते में पैसे का समायोजन नहीं किया जा रहा है।
इन तक अधिकारी नहीं पहुंचते। क्योंकि चेतन के घर तक जाने के लिए पक्का रास्ता नहीं हा, न ही साहब लोग पैदल उसके गांव कभी नहीं आए। चेतन कमार ने बताया कि ग्राम मडेली की सरपंच कुमारी और सरपंच पति से घर में शौचालय निर्माण करा देने की गुहार कई बार लगा चुका है, लेकिन उनके द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। कमार दवात सिंह पिता बिरझूराम, जनक पिता धरम जांगड़े, फगनी बाई, परसूराम, रम्भा बाई पति पुनितराम, पंचराम पिता दल्लू राम सहित सौ से भी अधिक लोग है जिनके घरों में शौचालय अब तक नहीं बना है। अधिकतर लोगों का शौचालय अपूर्ण है। शासन द्वारा सरपंच-सचिव के बैंक खाते में रकम पहुंचने के बाद भी हितग्राहियों के खाते में पैसे का समायोजन नहीं किया जा रहा है।
पंचायत में किसका शौलायल बनना है। जिसके यहां नहीं बना है वहां बनवा दिया जाएगा।
अशोक, सरपंच पति व उपसरपंच शौचालय निर्माण का काम उपसरपंच देखता है। लेना-देना उसी के हाथ में है। मैं अतिरिक्त प्रभार पर जून से हूं।
हरिशचंद्र, सचिव, ग्राम पंचायत मड़ेली
अशोक, सरपंच पति व उपसरपंच शौचालय निर्माण का काम उपसरपंच देखता है। लेना-देना उसी के हाथ में है। मैं अतिरिक्त प्रभार पर जून से हूं।
हरिशचंद्र, सचिव, ग्राम पंचायत मड़ेली