
Fraud
रामानुजगंज. जल संसाधन संभाग क्रमांक-२ संभाग रामानुजगंज अंतर्गत मनरेगा के दो काम में 24 लाख 29 हजार 674 रुपए सामग्री भुगतान के नाम पर बिना व्हाउचर के ही आहरित कर लिए गए। इस मामले में कार्यपालन अभियंता यूएस राम द्वारा 4 सदस्यीय जांच दल गठित कर पूरे मामले की जांच कराकर रामानुजगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराने की तैयार की जा रही है।
गौरतलब है कि मनरेगा के तहत देवीगंज जलाशय के वेस्ट वियर व स्लूस के निर्माण में बिना बिल व्हाउचर के 6 लाख 82 हजार 19 रुपए मजरुल हक अंसारी को सामग्री के नाम फर्जी भुगतान कर दिया गया।
वहीं वाड्रफनगर विकासखंड के ककनेशा जलाशय में पुलिया सह तटबंध निर्माण कार्य के नाम पर 17 लाख 47 हजार 655 रुपए मजरुल हक के नाम भुगतान कर दिया गया। इस प्रकार 24 लाख 29 हजार 674 रुपए फर्जी भुगतान होने की जानकारी कार्यपालन अभियंता यूएस राम को मिलते ही उन्होंने एसडीओ ए. मिंज की अध्यक्षता में जांच दल का गठन किया है।
टीम में जवाहर गुप्ता, रविश कुमार व आरके राय शामिल हैं। टीम से कार्यपालन अभियंता द्वारा जांच रिपोर्ट मांगी गई है ताकि दोषियों के खिलाफ थाने में एफआईआर दर्ज कराई जा सके।
कंप्यूटर ऑपरेटर की भूमिका संदिग्ध
लाखों रुपए के फर्जी भुगतान के मामले में संविदा में कार्यरत कंप्यूटर ऑपरेटर सुरेंद्र कुमार सिंह की भूमिका संदिग्ध है। जो मामले के खुलासे के बाद से फरार है। वहीं देवीगंज जलाशय के लिए 19 लाख रुपए की विभागीय स्वीकृति थी। इसी काम के लिए मनरेगा के तहत 23 लाख रुपए स्वीकृत किए गए थे।
यहां विभागीय कार्य कराया गया व मनरेगा के खाते से बिना बिल व्हाउचर के लाखों रुपए भुगतान कर दिया गया। कंप्यूटर ऑपरेटर ने बिना बिल व्हाउचर के अपने खाते में ३ लाख रुपए डलवा लिए हैं।
Published on:
04 Oct 2018 07:57 pm
बड़ी खबरें
View Allबलरामपुर
छत्तीसगढ़
ट्रेंडिंग
