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Dam broken: Video: बांध टूटने से बहे सास-बहू समेत 4 लोगों की मिली लाश, 3 अब भी लापता, कार्यक्रम रद्द कर मंत्री नेताम रवाना

Dam broken: बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के तातापानी अंतर्गत विश्रामनगर के लुती बांध के टूटने से त्रासदी सा नजारा, 80 से अधिक गौवंश व बकरियां भी बहीं, फसलें हो गईं बर्बाद, राहत व बचाव कार्य जारी

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Dam broken

SDRF team searching bodies in dam (Photo- Patrika)

रामानुजगंज। बलरामपुर जिले के तातापानी पुलिस चौकी अंतर्गत ग्राम विश्रामनगर में मंगलवार की रात बारिश से लबालब करीब 4 दशक पुराना लुती बांध टूट (Dam broken) गया। इससे निचले इलाके में सैलाब आ गया। इसकी चपेट मे आने से जहा 4 लोगों की जहां मौत हो गई, वहीं 3 अब भी लापता हैं। इस घटना में कई जानवर बह गए, जबकि धान और टमाटर की फसलें भी बर्बाद हो गई। वहीं बांध के टूटने से जो घर बह गए, वहां के लोगों को प्रशासन के तरफ से पंचायत भवन में शिफ्ट किया जा रहा है। आधा दर्जन से अधिक गांव के सैकड़ों लोग लापता लोगों की खोजबीन में लगे हैं।

देर रात ही सूचना पर कलेक्टर और एसपी भी मौके पर पहुंचे। कलेक्टर राजेंद्र कुमार कटारा के मार्गदर्शन में पुलिस और राजस्व अमले के साथ साथ एनडीआरएफ की टीम भी राहत और बचाव में जुटी हुई है। इधर मंत्री नेताम अपने कार्यक्रम रद्द कर कोरबा से बलरामपुर के लिए रवाना हो गए।

गौरतलब है कि मंगलवार की रात मूसलाधार बारिश के बाद 10 से 11 बजे के बीच बलरामपुर विकासखंड के ग्राम विश्रामनगर में 1981 में बना लुती डेम का करीब 100 मीटर हिस्सा टूट (Dam broken) गया। इससे बांध के नीचे रह रहे 3 घरों के लोग बह गए। हादसे में रजंती पति गणेश उम्र 26 वर्ष व उसकी सास बतशिया पति रामवृक्ष उम्र 55 वर्ष की मौत हो गई।

वही घर मालिक रामवृक्ष की एक बडी बहू और 3 बच्चे भी पानी में बह गए। सास बहू का शव रात में ही बरामद कर लिया गया था। सुबह गणेश उम्र 30 वर्ष एवं प्रिया सजीवन उम्र 6 वर्ष का शव मिला। वहीं अन्य लापता लोगों की तलाश एनडीआरएफ की टीम के द्वारा की जारी है।

Dam broken: रामवृक्ष ने पेड़ के सहारे बचाई जान

पत्नी, बहू व 3 नाती-पोतों के पानी की तेज धार में बहने (Dam broken) के दौरान रामवृक्ष भी बहने लगा। करीब 300 मीटर बहने के बाद रामवृद्ध एक पेड़ से टकराकर रुक गया। पेड़ को उसने जोर से पकड़ लिया, इससे उसकी जान बच गई। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

7 माह के बच्ची समेत 10 लोगों की बची जान

बांध के नीचे करीब 500 मीटर की दूरी पर कालीचरण टोप्पो उम्र 60 वर्ष का घर है। घर में करीब 10 सदस्य थे। रात को पूरा परिवार सोया था। इसी बीच घर में अचानक 6 फीट तक पानी (Dam broken) घुस गया। घर के सदस्यों ने किसी तरह तैरकर अपनी जान बचाई।

कालीचरण बहते हुए पेड़ के सहारे गया, वहीं उसकी पत्नी फूलमनी उम्र 55 वर्ष पर घर की दीवार गिर गई, जिसे रेस्क्यू कर बाहर निकाला गया। इधर कालीचरण के परिवार के ही बंटू टोप्पो की 7 माह की बेटी भी थी, जिसे दोनों हाथों से घर वालों ने ऊपर उठाकर उसकी जान बचाई।

दर्जनों गौ वंश व 50 से अधिक बकरियां भी बहीं

बांध टूटने (Dam broken) से त्रासदी सा मच गया। इसमें जीतन पिता बंधारी की 40 बकरियां एवं कालीचरण की 7 बकरियां सहित 50 से अधिक बकरियां बह गई। वही घरों में बंधे कुछ गौ वंश खूंटे बंधे-बंधे मर गए, वहीं कई मवेशी बह गए।

थोड़ा ऊपर बांध टूटता तो हो जाता और बड़ा हादसा

बताया जा रहा है कि मंगलवार की शाम से ही बांध के ऊपर से पानी रिसना शुरू हो गया था। रात करीब 10 से 11 के बीच बांध टूट गया। बांध में करीब 500 मीटर एरिया में दरार आ गया था। गनीमत रही कि करीब बांध का करीब 100 मीटर हिस्सा ही टूटा। यदि उससे थोड़ा और ऊपर का हिस्सा टूटा (Dam broken) होता तो बड़ी हानि हो सकती थी। क्योंकि ऊपर और अधिक बसाहट है।

बांध का पानी बहा, मछली मारने में जुटे लोग

1982 में बना लुती बांध(Dam broken) क्षेत्र वासियों के लिए वरदान के समान था। इससे 173 हेक्टेयर के करीब भूमि सिंचित होती थी। वहीं बांध टूटने के बाद पूरा पानी खाली हो गया है। बांध से पानी निकलने के बाद सैकड़ों लोग पूरी रात मछली पकडऩे में भी व्यस्त रहे।

पूर्व विधायक बोले- जल संसाधन विभाग की घोर लापरवाही

घटना की सूचना पर पूर्व विधायक बृहस्पति सिंह भी मौके पर पहुंचे थे। उन्होंने जल संसाधन विभाग की गंभीर लापरवाही से बांध टूटना (Dam broken) बताया। उन्होंने कहा कि जब ग्रामीणों ने पहले से विभाग को सूचना दी थी कि बांध की स्थिति जर्जर है एवं शाम से ही बांध से पानी का रिसना शुरू हो गया है। इसके बाद भी विभाग के अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे। यदि बांध की मरम्मत करा दी गई होती तो यह स्थिति उत्पन्न नहीं होती।

मंत्री नेताम घटनास्थल के लिए हुए रवाना

घटना (Dam broken) की जानकारी मिलते ही क्षेत्रीय विधायक और कैबिनेट मंत्री राम विचार नेताम ने प्रशासनिक अफसरों को राहत व बचाव कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने अपने सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए तथा कोरबा से सीधे बलरामपुर के लिए रवाना हो गए हैं। वे यहां मृतकों के परिजनों से मुलाकात करेंगे।


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