सामरी क्षेत्र के ग्राम सेरंगदाग निवासी 50 वर्षीय जोगना नगेशिया पिता स्व रिझु राम की कोई संतान नही थी। वो खेती किसानी करके अपना जीवन यापन कर रहा था आर्थिक स्थिति ठीक नही होने से अपना घर भी नही बनवा पा रहा था।
उसका पहले इंदिरा आवास योजना से मकान स्वीकृत हुआ था जिसे गांव के जनक नगेशिया द्वारा ठेके में लेकर निर्माण कराया जा रहा था। लेकिन उसने अधूरा कार्य कर छोड़ दिया, इसके कुछ वर्ष बाद उसे प्रधानमंत्री आवास योजना से भी मकान की स्वीकृति मिली थी।
इसका निर्माण करने का भी ठेका गांव के आवास मित्र जनक नाग ने लिया, लेकिन इस बार भी जनक नाग द्वारा आवास का दीवार तक कार्य करके अधूरे हालत में छोड़ दिया गया। जबकि उसके द्वारा आवास की पूरी राशि आहरण कर रख ली गई थी।
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जर्जर घर में रहने को था विवश, गिरने से दब गया नीचेआवास नही बनने से जोगना नगेशिया अपने पुराने जीर्ण शीर्ण मिट्टी के झोपड़ी नुमा घर में रहने को मजबूर था। बताया जा रहा है कि 4 दिन पूर्व जोगना अपने घर में मक्का पकाकर खा रहा था। इसी दौरान तेज बारिश के बीच अचानक उसके घर की दीवार धराशायी हो गई जिसके नीचे जोखना दब गया था।
उसके चीखने की आवाज सुनकर आसपास के लोग वहां पहुंचे और किसी तरह से उसे बाहर निकाल कर छोटे भाई के घर में घायल अवस्था में रखा गया था। उसे अस्पताल नहीं पहुंचाया गया। सोमवार की सुबह इलाज के अभाव में घर में ही पड़े-पड़े उसकी मौत हो गई।