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Snake bite: मासूम को सांप ने डसा, सरकारी अस्पताल के डॉक्टर ने कहा- निजी क्लीनिक में जाओ, वहां जवाब मिला अस्पताल जाओ, हो गई मौत

Snake bite: सर्पदंश पीडि़त 7 वर्षीय बालक को समय पर उपचार नहीं मिलने से हो गई मौत, निजी अस्पताल के डॉक्टर ने ही सरकारी अस्पताल में पहुंचकर लगाया एंटी स्नेक वेनम, लोगों में आक्रोश

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Snake bite

CHC Raghunathnagar

रघुनाथनगर। पंडो जनजाति के एक 7 वर्षीय बालक की सर्पदंश (Snake bite) के बाद इलाज में हुई देरी की वजह से मौत का मामला सामने आया है। दरअसल सांप डसने के बाद जब परिजन उसे रात में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे तो यहां से सीएचसी के ही डॉक्टर के निजी क्लीनिक भेज दिया गया। इसके बाद जब क्लीनिक पहुंचे तो चिकित्सक खुद उनके साथ वापस स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे और फिर इंजेक्शन लगाया, लेकिन तब तक देर हो गई थी और कुछ ही देर बाद बालक की मौत हो गई।

बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के रघुनाथनगर निवासी 7 वर्षीय बालक साजन पिता रामबली को रविवार की देर शाम जहरीले सांप ने डस (Snake bite) लिया। इस पर परिजन रात लगभग 8 बजे उसे लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे। लेकिन यहां मौजूद कर्मचारी ने उनहें शासकीय वाहन से सीएचसी के प्रभारी चिकित्सक के निजी क्लीनिक में भेज दिया।

इसके बाद परिजन बालक को लेकर डॉक्टर के निजी क्लीनिक गए तो चिकित्सक ने कहा कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ही इलाज होगा। इसके बाद डॉक्टर परिजन के साथ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे और यहां एंटी स्नेक वेनम का डोज दिया, लेकिन तब तक देर हो गई थी, कुछ ही देर बाद बालक की मौत (Snake bite) हो गई। परिजन का आरोप है कि सही समय पर उपचार के अभाव में बालक की मौत हो गई।

Snake bite: अव्यवस्था को लेकर नाराजगी

इधर सामुदायिक अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर की लापरवाही और निजी क्लिनिक में बैठकर इलाज करने की प्रवृत्ति को लेकर लोगों में आक्रोश है। उन्होंने दोषी डॉक्टर पर तत्काल कार्रवाई की मांग की है और स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली पर भी नाराजगी जताई है।

लोगों का कहना है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (Snake bite) में डॉक्टरों की अनिवार्य उपस्थिति सुनिश्चित की जाए। निजी क्लिनिक में ड्यूटी समय के दौरान डॉक्टरों की मौजूदगी पर रोक लगे।