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भागवत उच्चारण से क्षणभर में धुलते हैं पाप : देवकीनंदन ठाकुर

- मानव जीवन समझना है तो धर्म को पढऩा जरूरी

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बेंगलुरु के प्रिंसेस श्राईन, पैलेस ग्राउंड में विश्व शान्ति सेवा समिति बैंगलोर एवं विश्व शांति सेवा चेरिटेबल ट्रस्ट द्वारा देवकीनंदन ठाकुर महाराज के सानिध्य में श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया गया इस कथा के पहले दिन हजारों की संख्या में भक्तों ने महाराज के श्रीमुख से कथा का श्रवण किया। शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन और भागवत आरती के साथ की गई। देवकीनंदनमहाराज ने कथा की शुरुआत करते हुए कहा की हमारे ऋषि मुनियों ने जो दिया है आज का साइंस उसी पर आधारित है....जो हमारे ऋषि मुनियों ने दिया वो साइंस दे नहीं सकता। आकाश में जो सबसे पहली ध्वनी हुई वो ऊँ की थी और इसी ऊँ में पूरी दुनिया समाई है।

जो भी व्यक्ति भागवत नाम उच्चारण करेगा उस के सारे पाप उसी क्षण में समाप्त हो जाएंगे

महाराज ने कहा की हमारे भागवत में, पुराणों में, वेदों में ये कहा गया है की जो भी व्यक्ति भागवत नाम उच्चारण करेगा उस के सारे पाप उसी क्षण में समाप्त हो जाएंगे, लेकिन शर्त ये है की आगे पाप ना करें। महाराज ने कहा की अच्छे काम के लिए कभी किसी से मत पूछो, पूछना है तो भगवान से पूछो। देवकीनंदन महाराज ने कहा की आज का युवा तिलक लगाता है, कथा में आता है, मुझे बहुत गौरव महसूस होता है की हमारा आज का युवा एक नई दिशा में जा रहा है । महाराज ने युवाओं को संदेश देते हुए कहा की अपने धर्म को जानने की कोशिश करो, भागवत पढ़ो, पुराण पढ़ो। जैसे डाक्टर बनने के लिए डॉक्टरी पडनी जरुरी है उसी तरह मानव जीवन को समझना है तो धर्म को पढऩा जरुरी है, धर्म को समझना जरुरी है, धर्म पढोगे तभी तुम्हे कृष्ण समझ में आएगा। देवकीनंदन ठाकुर महाराज ने कहा की मन के अंधकार को मिटाए बगैर जीवन का कल्याण नहीं हो सकता, मन का अंधकार मिटता है ज्ञान से, ज्ञान से बढ़ा प्रकाश नहीं होता।

आप कितने भी बड़े हो जाओ मां बाप के लिए बडे नही होओगे

महाराज ने कहा की मां बाप के लिए अपने बच्चे से ज्यादा कीमती कुछ नहीं होता। आप कितने भी बड़े हो जाओ मां बाप के लिए बडे नही होओगे। यही ममता है और ये ममता पैसे से नही मिल सकती। आपका शोषण करने वाले बहुत मिलेंगे लेकिन पोषण करेंगे तुम्हारे मां बाप। जहां भी जाओंगे खाने वाले ही मिलेंगे लेकिन खिलाएंगे तुम्हे तुम्हारे मां, बाप और गुरु । महाराज ने कहा की हरि अंनत है और हरि की कथा भी अनंत है। हमारी और आपकी कथाओं का अनंत होता है लेकिन हरि की कथा का अंत किसी भी युग में नही हुआ। जैसे प्रभु नित्य नुतन है वैसे ही प्रभु की कथा भी नित्य नुतन है, भगवान की कथा जब भी सुनो नई ही लगती है। महाराज ने सुंदर भजनों भी के द्वार भक्तों को प्रभु की भक्ति में झुमने के लिए मजबूर कर दिया। कथा पंडाल में मुख्य यजमान श्रीमती प्रमोद अग्रवाल, श्रीमती ऋचा एवं संजय अग्रवाल, श्रीमती सीमा एवं सुंनील अग्रवाल, श्रीमती सुनीता एवं अजय अग्रवाल, जयचंद साहनी, मोहन मगनानी एवं अन्य गणमान व्यक्ति मौजूद रहे। कार्यक्रम के दौरान श्री जांगिड़ ब्राह्मण समाज सेवा समिति बेंगलोर के अध्यक्ष ताराचंद शर्मा का भी सम्मान किया गया।