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कर्नाटक : GST से दही, छाछ, लस्सी के दाम बढ़े मगर एक दिन में ही करनी पड़ी कटौती

– आलोचनाओं के बाद केएमएफ का निर्णय- पांच प्रतिशत जीएसटी के कारण हुई थी वृद्धि

बैंगलोरJul 19, 2022 / 02:43 am

Nikhil Kumar

GST Rate Hike on Daily Essential Items from July 18, Complete list of items that are becoming more expensive

GST Rate Hike on Daily Essential Items from July 18, Complete list of items that are becoming more expensive

बेंगलूरु. पांच प्रतिशत वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) GST के लगाए जाने के कारण कारण दही, छाछ, लस्सी curd lassi buttermilk सहित अन्य डेयरी उत्पादों के मूल्य में वृद्धि करने के एक दिन बाद आम लोगों और विपक्षी दलों की आलोचना के कारण कर्नाटक दुग्ध महासंघ (केएमएफ) ने सोमवार को मूल्य वृद्धि में कटौती की घोषणा की।

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सोमवार को प्रभावी हुई वृद्धि के कारण विभिन्न उत्पादों के मूल्य में 1 से 3 रुपए तक की वृद्धि हुई थी। लेकिन, शाम में घोषित कटौती में उत्पादों के मूल्य में 50 पैसे से डेढ़ रुपए तक की कटौती की गई है। सहकारी संस्था केएमएफ नंदिनी ब्रांड से उत्पादों का विपणन करती है। केएमएफ की ओर से जारी बयान में कहा गया कि ग्राहकों के हितों को ध्यान में रखते हुए केएमएफ ने 19 जुलाई से फिर से नंदिनी दही, लस्सी और छाछ की कीमतों में संशोधन किया है। 200 ग्राम दही के पाउच की कीमत 10 रुपए से बढ़ाकर 12 रुपए की गई थी, जो अब 10.50 रुपए में बिकेगी। इसी तरह 500 ग्राम दही के पाउच की कीमत में 2 रुपए की वृद्धि की गई थी जो अब 23 रुपए में बिकेगी।

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कीमतों में वृद्धि आवश्यक नहीं
उधर, मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि दूध और दही की कीमतों में बढ़ोतरी की कोई जरूरत नहीं है। विक्रेता इनपुट क्रेडिट का दावा कर सकते हैं। चावल, दही, लस्सी सहित कई दैनिक उपयोगी चीजों पर जीएसटी लगाने के कारण मूल्य वृद्धि को लेकर पूछे गए सवाल पर बोम्मई ने कहा कि इसे उपभोक्ताओं पर नहीं डाला जा सकता। बोम्मई ने कहा कि वे जीएसटी परिषद में इस बात पर चर्चा कर डीलरों को स्पष्ट संदेश देने की अपील करेंगे कि डिब्बाबंद और लेबल वाली सामग्रियों पर लगाए गए जीएसटी का बोझ उपभोक्ताओं पर नहीं डाला जाए। कीमतों में बढ़ोतरी की कोई जरूरत नहीं है। कंपनियों को पहले जीएसटी नहीं होने के कारण इनपुट क्रेडिट का लाभ नहीं मिलता था मगर अब वे प्रतिपूर्ति का दावा कर सकते हैं।

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विपक्ष ने भी घेरा
दरअसल, दिन भर सोशल मीडिया पर दही, लस्सी, छाछ आदि की कीमतों में वृद्धि का मसला छाया रहा। आम लोगों के साथ ही विपक्षी नेताओं ने भी सरकार पर निशाना साधा। विधानसभा में विपक्ष के नेता सिद्धरामय्या ने कहा कि शुरुआत में दही, छाछ, लस्सी और पनीर पर कोई कर नहीं था। लेकिन अब उन्होंने इसे बढ़ाकर 5 फीसदी कर दिया है। अन्य खाद्य उत्पादों और किसानों की उपज पर भी कर लगाया है।
केंद्र और राज्य की भाजपा सरकारों पर निशाना साधते हुए सिद्धू ने कहा कि क्या यह अच्छे दिन का हिस्सा है जिसका भाजपा ने वादा किया था? मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई जीएसटी परिषद का हिस्सा हैं और उन्हें केंद्र को जनता की भावनाओं से अवगत कराना चाहिए था।

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