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बहुत जल्द अनुपयोगी हो जाएगा एलिवेटेड कोरिडोर

वाहन संख्या बढ़ाने वाला साबित होगा एलिवेटेड कोरिडोर

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बहुत जल्द अनुपयोगी हो जाएगा एलिवेटेड कोरिडोर

बेंगलूरु. परिवहन विशेषज्ञों ने बेंगलूरु में 95 किलोमीटर लंबे एलिवेटेड कोरिडोर बनाने की योजना को भविष्य के लिए अनुपयोगी करार दिया है।
भारतीय विज्ञान संस्थान (आइआइएससी) की अध्ययन रिपोर्ट में कहा गया है कि एलिवेटेड कोरिडोर को लेकर जो दावे किए जा रहे हैं, उसमें सफलता नहीं मिलेगी। रिपोर्ट के अनुसार बेंगलूरु में जिस वार्षिक दर से वाहनों की संख्या बढ़ रही है उसे देखते हुए 2025 में जब तक यह योजना पूरी होगी, वाहनों की संख्या कई गुना बढ़ जाएगी।

एलिवेटेड कोरिडोर पर क्षमता से ज्यादा वाहनों का आवागमन होगा और शहरवासियों को ट्रैफिक समस्या से मुक्ति नहीं मिलेगी। शहर में मौजूदा यातायात वृद्धि दर 6.67 प्रतिशत है, जिस कारण परियोजना के पूर्ण होने केवल पांच साल बाद ही एलिवेटेड कोरिडोर वाहनों के हिसाब से अनुपयुक्त हो जाएगा।

अध्ध्यन में केआरपुरम जंक्शन का उदाहरण देते हुए कहा गया है कि जंक्शन की मौजूदा क्षमता 2700 कार प्रति घंटे की है लेकिन यहां 5764 कार प्रति घंटे का आवागमन है। इसी प्रकार जब एलीवेटेड कोरिडोर का काम पूरा हो जाएगा तब उसकी अधिकतम क्षमता 6900 कार प्रति घंटे होगी लेकिन जिस तेजी से वाहनों की संख्या बढ़ रही है उससे वर्ष-2025 तक 9500 कार प्रति घंटे का दबाव आ जाएगा। इस प्रकार परियोजना की सार्थकता शुरुआत के साथ ही विफल हो जाएगी।

रिपोर्ट में सिल्क बोर्ड, आउटर रिंग रोड, कब्बन रोड, कामराज रोड और हेब्बाल फ्लाई ओवर का उदाहरण देते हुए कहा गया है कि इन जंक्शनों पर हर जिस तेजी से वाहनों की संख्या बढ रही है उसमें एलीवेटेड कोरिडोर निर्माण होने से भी कोई बड़ा लाभ नहीं मिलेगा बल्कि यह सिर्फ शहर में वाहनों की संख्या बढ़ाने वाला साबित होगा।

मेट्रो को प्राथमिकता देने की जरूरत
रिपोर्ट के अनुसार एलिवेटेड कोरिडोर के बदले मेट्रो परियोजना को शीघ्रता पूर्वक विस्तार देना चाहिए। मेट्रो परियोजना न सिर्फ पर्यावरण हितैषी है बल्कि यह भविष्य में वाहनों के दबाव को भी कम करने में सहायक है। इससे सड़क निर्माण की चुनौती से स्वत: मुक्ति मिल जाएगी और अगर शहर के बाहरी इलाकों तक मेट्रो का विस्तार होता है तो लोग निजी वाहनों को छोड़कर मेट्रो उपयोग को प्राथमिकता देंगे। रिपोर्ट में कहा गया है मेट्रो फेज-1 के 42 किमी के नेटवर्क ने यह साबित किया है लोग निजी वाहनों को छोड़ मेट्रो का उपयोग कर रहे हैं। मेट्रो रेल नेटवर्क की क्षमता 69 हजार यात्री प्रति घंटे की है और यह अगले 50 वर्षों के लिए उपयोगी है। इसलिए निजी वाहनों को बढ़ावा देने से बेहतर है कि मेट्रो नेटवर्क को उन्नत किया जाए ताकि लोग एलिवेटेड कोरिडोर की जरूरत ही महसूस न करें।

एकीकृत सार्वजनिक परिवहन का सुझाव
भविष्य के लिए बेहतर सार्वजनिक परिवहन मुहैया कराने के सुझाव के तहत मेट्रो नेटवर्क को करीब 250 किमी विस्तार देने और उपनगरीय रेल सेवा पर ध्यान केन्द्रित करने का सुझाव दिया गया है। साथ ही अंतिम गंतव्य तक की यात्रा को सुगम बनाने के लिए फीडर बस सेवाओं को बढ़ावा देने की बात कही गई है। मेट्रो, उपनगरीय रेल सेवा और बेंगलूरु महानगर परिवहन निगम (बीएमटीसी) को एकीकृत परिवहन संस्थान में बनाने का सुझाव दिया गया है ताकि तीनों संस्थान आपसी सामंजस्य के साथ और जरुरत अनुरूप अपनी सेवाओं को उन्नत करें।