
जिनवाणी का श्रवण कल्याणकारी
बेंगलूरु. हनुमंंतनगर जैन स्थानक में साध्वी सुप्रिया ने मंगलवार को धर्मसभा में कहा कि जिनवाणी का श्रवण साधक के लिए मंगलकारी और हितबोध प्रदान करने वाला है।
उन्होंने पंच दिवसीय वीर स्तुति पुच्छिसुणं अनुष्ठान के प्रथम दिन वीर स्तुति के महत्व पर प्रकाश डाला। साध्वी सुविधि ने वीर स्तुति पारायण करवाया। साध्वी सुमित्रा ने मंगलपाठ कराया।
9 उपवास के प्रत्याख्यान लेने वाली सुवादेवी कटारिया, तेले तप करने वाले मनोहरलाल भंडारी का स्वागत हुआ। संचालन सुरेश कुमार धोका ने किया।
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प्रभुदर्शन चित्त वश में करने का आधार
मैसूरु. सुमतिनाथ जैन संघ मैसूरु की ओर से महावीर जिनालय में आयोजित धर्मसभा में जैनाचार्य विजय रत्नसेन सूरीश्वर ने कहा कि चंचल चित्त को वशीभूत करने के लिए उच्छृंखल इंद्रियों को शांत करने के लिए देवाधिदेव परमात्मा की प्रतिमा सर्वश्रेष्ठ आलंबन है।
उन्होंने कहा कि जिन प्रतिमा के दर्शन से आत्मप्रदेशों में रूढ़ बने अशुभ भाव विलीन हो जाते हैं। हृदयगति शोक और संताप भी दूर हो जाते हैं।
जैनाचार्य ने कहा कि तारक परमात्मा के उपकारों को स्मरण करके सद्भाव के साथ जब हमें परमात्मा प्रतिमा में साक्षात परमात्मा एवं परमात्मा के विराट स्वरूप के दर्शन होने लगते हैं, तब हृदय में भक्ति की वीणा स्वत: झंकृत होने लगती है। परमात्मा भक्ति हमें सभी प्रकार की सांसारिक एवं आत्मिक लब्धियों प्राप्त कराने में समर्थ हैं।
Published on:
14 Nov 2018 06:28 pm
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