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टीपू की जन्मस्थली की उपेक्षा दुर्भाग्यपूर्ण: वाटाल नागराज

पूर्व विधायक वाटाल नागराज ने टीपू सुल्तान की प्रतिमा पर माला चढ़ाकर जयंती मनाई

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टीपू की जन्मस्थली की उपेक्षा दुर्भाग्यपूर्ण: वाटाल नागराज

बेंगलूरु. टीपू सुल्तान की जन्मस्थली बेंगलूरु ग्रामीण जिले के तहसील मुख्यालय देवनहल्ली में शनिवार को कन्नड़ चलुवली वाटाल पक्षा के नेता और पूर्व विधायक वाटाल नागराज ने टीपू सुल्तान की प्रतिमा पर माला चढ़ाकर जयंती मनाई। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार टीपू सुल्तान की जन्मस्थली की अनदेखी कर रही है। यह अनदेखी टीपू सुल्तान का सरासर अपमान है। इस महापुरुष की जन्मस्थली पर पुरातत्व विभाग ने केवल एक नामपट्ट लगाने के अलावा कुछ भी नहीं किया है। राज्य सरकार को इस जन्मस्थली के विकास के लिए तुरंत 10 करोड़ रुपए का अनुदान जारी करना चाहिए।
सुरक्षा के बीच जयंती मनाना अनुचित : सेत
मैसूरु. जिले के नरसिम्हराजा क्षेत्र के विधायक तनवीर सेत ने कड़ी पुलिस सुरक्षा के बीच टीपू जयंती मनाने को अनुचित बताते हुए कहा कि मुख्य आयेाजन में मुख्यमंत्री तथा उपमुख्यमंत्री की अनुपस्थिति से मुस्लिम समुदाय अपमानित महसूस कर रहा है। कलामंदिर सभागार में शनिवार को जिला स्तरीय कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि मुस्लिम समुदाय ने कभी सरकार से टीपू जयंती मनाने की मांग नहीं की। राज्य में टीपू जयंती बरसों से मनाई जा रही है। युवा पीढ़ी को टीपू के प्रशासन का अध्ययन का अवसर देने के लिए मैसूरु विश्वविद्यालय में टीपू सुल्तान अध्ययन पीठ की स्थापना की जानी चाहिए।
समुदाय का अपमान : सेत ने मुख्यमंत्री की अनुपस्थिति पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि अगर मुख्यमंत्री को वास्तव में मुस्लिम समुदाय से स्नेह है तो हेग्गडदेवनकोटे (एच.डी.कोटे) में आयोजित टीपू जयंती समारोह मेें भाग लेना चाहिए। सेत ने कहा कि गठबंधन सरकार के समय टीपू जयंती का यह पहला आयोजन था लेकिन ना मुख्यमंत्री मौजूद रहे और ना ही उपमुख्यमंत्री। यह मुस्लिम समुदाय के अपमान के जैसा है।