5 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Rajasthan: आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की हत्या, दृश्य देख ग्रामीणों के उड़े होश, लूट की आशंका

आनंदपुरी उपखंड क्षेत्र के छाजा कस्बे के ब्राह्मण मोहल्ले में मंगलवार सुबह आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कलावती (58) पत्नी सुरेंद्र पंड्या का शव घर में खून से लथपथ हालत में मिला।

2 min read
Google source verification
Anganwadi worker murder

फोटो पत्रिका नेटवर्क

बांसवाड़ा। आनंदपुरी उपखंड क्षेत्र के छाजा कस्बे के ब्राह्मण मोहल्ले में मंगलवार सुबह उस समय सनसनी फैल गई, जब एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता का शव घर में खून से लथपथ हालत में मिला। अज्ञात हमलावरों ने लूट के बाद उसकी हत्या कर दी। कलावती (58) पत्नी सुरेंद्र पंड्या की हत्या को लेकर पूरे कस्बे में आक्रोश फैल गया। परिजनों और ग्रामीणों ने हंगामा करते हुए पूरा कस्बा बंद करा दिया।

मंगलवार सुबह एक युवक दूध देने के लिए कलावती के घर पहुंचा। उसने कई बार आवाज लगाई, लेकिन अंदर से कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई। गेट खुला होने पर उसे शक हुआ और उसने ग्रामीणों को बुलाया। लोगों ने घर में पहुंचे तो रसोईघर की फर्श पर कलावती का शव खून से लथपथ पड़ा था। महिला का सिर धड़ से अलग होकर क्षत-विक्षत हालत में पड़ा हुआ था। यह दृश्य देखकर ग्रामीणों के होश उड़ गए।

घाटोल में रहते हैं दोनों बेटे

कलावती मडक़ोला मकन गांव में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के पद पर कार्यरत थी। वहां से 8 किमी दूर छाजा में उसका घर है। बड़ा बेटा अमित घाटोल में संविदाकर्मी और छोटा बेटा वहीं पर प्राइवेट जॉब करता है। वारदात के वक्त दोनों छाजा में नहीं थे। कलावती अकेली ही घर में रहती थी।

परिजनों का आरोप : लूट के इरादे से हत्या

मृतका के छोटे पुत्र जयेश ने बताया कि रात करीब साढ़े आठ बजे मां से फोन पर बात हुई थी। तब मां ने उन्हें बताया था कि घर में दाल-बाटी बनी है। सूचना पर सुबह दोनों छाजा पहुंचे तो कलावती के हाथों की सोने की चूडिय़ां, गले की चेन और झुमके गायब थे। दोनों बेटों का आरोप है कि लूट के इरादे से उनकी मां की हत्या की गई।

ग्रामीणों का गुस्सा फूटा, कस्बा बंद

हत्या की सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में ग्रामीण मौके पर पहुंच गए। गुस्साए ग्रामीणों और परिजनों ने शव को पोस्टमार्टम के लिए नहीं उठाने दिया और पूरे कस्बे का बाजार बंद करा दिया। ग्रामीणों ने आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी, मृतका के परिवार को 15 लाख रुपए की आर्थिक सहायता और एक पुत्र को सरकारी नौकरी देने की मांग रख दी।

तीन घंटे तक चला हंगामा, वार्ता में समझौता

करीब तीन घंटे तक ग्रामीणों और परिजनों का आक्रोश व प्रदर्शन जारी रहा। इस दौरान कई बार समझाइश के बावजूद परिजन शव उठाने को तैयार नहीं हुए। अंतत: प्रशासन ने लिखित आश्वासन दिया कि परिजनों में से एक को 15 दिनों के भीतर नौकरी और आर्थिक सहायता दी जाएगी। आश्वासन के बाद परिजन मान गए और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। देर शाम पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सुपुर्द किया।


बड़ी खबरें

View All

बांसवाड़ा

राजस्थान न्यूज़

ट्रेंडिंग