
MLA Jai Krishna Patel Bribery Case: बांसवाड़ा। बागीदौरा विधायक जयकृष्ण पटेल शिक्षक की नौकरी छोडक़र राजनीति में आए। उन्होंने 11 माह का कार्यकाल पूरा किया ही था कि रिश्वत मामले में फंस गए। गत वर्ष 4 जून को वह विधायक बने थे और इस साल 4 मई को गिरफ्तार हुए।
जयकृष्ण पटेल पहले शिक्षक हुआ करते थे, नौकरी से इस्तीफा देने के बाद पार्टी से जुड़े। एक बार बीटीपी से चुनाव लड़े थे, मगर हार गए थे। घूसकांड के छींटे लगने के बाद भारत आदिवासी पार्टी के लिए राजनीतिक तौर पर यह समला सुलझाना पार्टी के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण हो गया है।
3 अप्रेल, 2024 को उपचुनाव के लिए दाखिल नामांकन में जयकृष्ण ने अपनी कुल सम्पत्ति डेढ़ लाख रुपए की बताई थी, जिसमें चांदरवाड़ा एसबीआई शाखा में 500 रुपए, बांसवाड़ा की एक्सिस बैंक शाखा में 500 रुपए, नगदी 50 हजार रुपए, 35 हजार रुपए कीमत के चांदी के जेवरात शामिल थे। उनके पास वाहन के नाम पर बाइक तक नहीं थी। यह सम्पत्ति खेती से अर्जित करने की जानकारी निर्वाचन आयोग को दी थी।
मेरा लक्ष्य क्षेत्र में शिक्षा, स्वास्थ्य और विकास को बढ़ावा देना है। जल, जंगल, जमीन के नारे को लागू करने और आदिवासी समुदाय की मांगों को विधानसभा तक ले जाने का प्रयास करूंगा। विवादों में घिरे चार सवालों सहित वह विधानसभा में अब तक 37 सवाल लगा चुके हैं।
प्रश्न-क्रमांक-तारीख
5887-10 जुलाई, 2024 राजस्थान राज्य के टीएसपी क्षेत्र में खनन पट्टे आवंटित करने के नियम
5913-10 जुलाई, 2024 क्या सरकार राज्य के बांसवाड़ा जिले में सोने के लिए खनन आवंटित करने जा रही है?
अब तक विधायक पटेल की जनता में छवि ठीक रही। उन्हें जन समर्थन भी मिला। अपर हाई कैनाल प्रोजेक्ट में गड़बडिय़ों का उन्होंने खुलकर विरोध किया था। विधायक की ओर से प्रशासन पर असहयोग और उनके क्षेत्र में होने वाले सरकारी कार्यक्रमों में बतौर अतिथि नहीं बुलाने के आरोप लगाए जाते रहे हैं।
बागीदौरा विधायक का घूसकांड मीडिया ही नहीं, सोशल मीडिया पर भी ट्रेंड कर रहा है। सोशल मीडिया यूजर्स ने तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दी। राजनीतिक दलों के सोशल मीडिया ग्रुप्स में भी यह चर्चा का हॉट टॉपिक रहा।
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Updated on:
05 May 2025 08:24 am
Published on:
05 May 2025 07:35 am
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