Banswara News: ज़लिे के आदिवासी बहुल दानपुर थाना क्षेत्र के गोपालपुरी गांव में झाड़-फूंक के भरोसे पर इलाज टालने से एक 10 वर्षीय बालक की दर्दनाक मौत हो गई। मृतक बालगोपाल पुत्र कालू डिंडोर, मूलत: दानाक्षरी गांव का रहने वाला था, जो बीते कुछ वर्षों से अपने मामा एलम कटारा के साथ गोपालपुरी में रह रहा था। मंगलवार शाम को घर में बालक को सांप ने काट लिया। लेकिन तुरंत अस्पताल ले जाने की बजाय परिजन उसे पहले टामटिया गांव के एक स्थानीय भोपे के पास झाड़-फूंक कराने ले गए। यहां कई घंटे तक झाड़-फूंक करने के बावजूद कोई सुधार नहीं हुआ। इसके बाद उसे मध्यप्रदेश के बड़ी सरवन गांव के दूसरे भोपे के पास ले जाया गया।
वहां देर रात तक रस्में की गईं, लेकिन जब हालत बिगड़ती गई तो भोपे ने हाथ खड़े कर दिए। इसके बाद बालक को बड़ी सरवन के सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। अगले दिन जब यह खबर बालक की मां लक्ष्मी को मिली तो उसने मामा एलम कटारा और उनके परिवार पर लापरवाही का आरोप लगाया और शव लेने से इनकार कर दिया। महिला ने दानपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है और निष्पक्ष जांच की मांग की है। थानाधिकारी प्रेमपाल ने बताया कि पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंपा गया है और मां की शिकायत पर जांच प्रारंभ कर दी गई है।
वर्ष 2018 में डूंगरपुर जिले की साबला तहसील के हमीरपुरा गांव का एक युवक उपचार के लिए तीस दिन तक भोपों के चक्कर लगाता रहा और उपचार न मिलने से उसका पैर संक्रमण से सड़ गया।
वर्ष 2022 में घाटोल क्षेत्र में एक युवती को सांप ने काट लिया था, परिजन उसे चिकित्सालय की वजह तांत्रिक के पास ले गए और झाड़-फूंक करवाते रहें. झाड़-फूंक के दौरान युवती की मौत हो गई।
वर्ष 2024 कुशलगढ़ क्षेत्र से एक गर्भवती जंजीरों से जकड़ी होने का मामला सामने आया। मानसिक रूप से बीमार युवती को भोपे के पास ले जाया गया। थक-हार कर उसे जिला अस्पताल लाने के कुछ घंटों में ही उसने दम तोड़ दिया था।
Updated on:
19 Jun 2025 02:38 pm
Published on:
19 Jun 2025 02:34 pm