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बांसवाड़ा में बनेगी नेपियर घास से बायो गैस, किसानों की होगी बल्ले-बल्ले

Banswara News : बांसवाड़ा में नेपियर घास से बायो गैस बनाई जाएगी। जल्द ही जिले में बायो गैस की 4 यूनिट लगने जा रही है। जिससे किसानों की बल्ले-बल्ले होगी।

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Banswara Bio Gas will be made from Napier Grass Happy Farmers will be Benefited

Banswara News : बांसवाड़ा में जल्द ही नेपियर घास से बायो गैस बनाई जाएगी। इसके लिए जिले में बायो गैस की 4 यूनिट लगने जा रही है। यूनिट लगाने वाली संस्थाएं किसानों के खेतों में नेपियर घास तैयार कराएंगी और फिर एक हजार रुपए टन इसे खरीदेंगी। यानी कि एक रुपए प्रति किलोग्राम। इसे प्रोजेक्ट से जुड़े किसानों की आय दो गुनी हो जाएगी। साथ ही बायो फ्यूल बनने के बाद जो कचरा बचेगा उससे जैविक खाद बनाया जाएगा, जो कि बाजार की वर्तमान दर से सस्ता भी होगा। इससे किसान जैविक खेती की ओर अग्रसर होंगे।

जिला उद्योग केंद्र संग बांसवाड़ा की 4 संस्थाओं का एमओयू

जिला उद्योग केंद्र के साथ ही हाल में बांसवाड़ा की 4 संस्थाओं ने एमओयू किया है। इसके तहत बायो फ्यूल बनाने की जानकारी दी गई है। एक प्रोजेक्ट के लिए 10 बीघा जमीन जरूरत है। साथ ही इसकी लागत करीब 10 करोड़ रुपए आएगी। एक प्रोजेक्ट पूरा होने पर करीब 500 लोगों को रोजगार मिलेगा। बांसवाड़ा में 4 यूनिट लगने जा रही हैं। एक का निर्माण कार्य चल रहा है। जबकि शेष 3 का भूमि कनर्वजन आदि हो चुका है। पहले प्रोजेक्ट के लिए जनवरी में किसानों को बीज देकर घास की बुवाई करवाई जाएगी। पहली यूनिट में मई माह में उत्पादन शुरू होने की उम्मीद है। इस घास से बायो गैस बनाई जाएगी। जो वाहन में उपयोग होगी तो सीएनजी कहलाएगी यदि घर में उपयोग की जाएगी तो पीएनजी कहलाएगी। इस प्रोजेक्ट में भारत में बनी हुई मशीनें ही उपयोग की जा रही है।

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यहां पर लगेंगी यूनिट

प्रोजेक्ट लगाने वाले सुरेश सुथार ने बताया कि चौपासाग, मोयावासा, चिड़ियावासा और सुरवानिया में प्रोजेक्ट लगाए जा रहे हैं। इसके लिए छगन लाल बुनकर, महेंद्र सिंह चौहान और चेतना पाटीदार आगे आए हैं। गैस बेचने के लिए इंडियन ऑयल कोर्पोरेशन लिमिटेड ‘आईओसीएल’ से एमओयू हो चुका है। इस प्रकार की यूनिट उदयपुर संभाग के झाडोल में शुरू हो चुकी है।

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8 साल तक बुवाई की जरूरत ही नहीं

इस घास की खास बात यह है कि एक बार बीजारोपण करने के बाद 7 से 8 साल तक फसल ली जा सकती है। इस घास की समय से देखभाल की जाए तो एक साल में 4 बार तक कटाई की सकती है। इससे किसानों की आय में बहुत अधिक इजाफा होगा। किसान के खेत से घास ले जाने व ट्रांसपोर्ट का खर्चा कंपनी वहन करेगी। दावा है कि एक एकड़ जमीन से 2 लाख तक की घास बेची जा सकती है। घास उगाने के लिए बहुत बड़े भूभाग या ज्यादा खेती वाले किसान की भी जरूरत नहीं होती है। छोटे किसान या कम खेती वाले किसान भी इस प्रोजेक्ट से जुड़ कर मुनाफा कमा सकते हैं।

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