
पलोदड़ा श्मशान घाट पर मृतका के पिता और भाई के साथ ग्रामीण। फोटो पत्रिका
Banswara : बांसवाड़ा शहर के ठीकरिया के नजदीकी भापोर गांव में नवविवाहिता की आत्महत्या से उपजा रोष दो दिन की कशमकश के बाद बुधवार को थमा। मृतका के पीहर पलोदड़ा में पहली राखी मनाने की तैयारी थी, वहां तीन दिन पहले जब शव ले जाया गया, तो परिवार के लिए कभी न मिटने वाला जख्म बन गया। यहां इकलौते भाई ने बहन की अर्थी को कंधा दिया तो दशा देखकर हर किसी की रुलाई फूट पड़ी। दोपहर बाद गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार किया गया।
गौरतलब है कि भापोर में तीन माह पूर्व ब्याही ललिता पत्नी अंकित दायमा सोमवार को भापोर के वड़लीपाड़ा फले में उसके ससुराल में रस्सी के फंदे से लटकी मिली थी। उसका शव पहले ही उतार लिए जाने से पलोदड़ा से हत्या कर लटकाने का आरोप लगाते हुए बवाल किया। फिर समझाइश के बाद शव पुलिस ने एमजी अस्पताल भेजा, तो दोनों पक्षों में खींचतान से पोस्टमार्टम मंगलवार शाम को हो पाया। फिर गहमागहमी बनी रहने से शव की सुपुर्दगी टल गई।
इसके बाद बुधवार सुबह पीहर पक्ष ने शव अपने घर ले जाने का निर्णय किया तो भापोर के लोगों की रजामंदी दी। हालांकि तनातनी फिर शुरू होने की आशंका पर ऐहतियात के तौर पर गांव में पुलिस बल तैनात किया गया। पुलिस अधिकारियों और जवानों की मौजूदगी में दोपहर बाद अंत्येष्टि हुई।
मृतका के इकलौते भाई अर्जुन चरपोटा ने बताया कि पहली राखी होने से उसने बहन को कपड़े और अन्य सामान के लिए पैसे दिए थे। पूरा परिवार बुधवार को बहन के घर जाने वाला था, लेकिन बदकिस्मती रही कि उससे पहले यह घटना हो गई। इसके चलते खुशियां मनाने के दिन उसकी अर्थी उठानी पड़ी। इस दौरान मौके पर सरपंच विठला भाई, राजतालाब थानाधिकारी प्रवीणसिंह, कांस्टेबल सिद्धार्थ सिंह, पवन सहित पुलिस जाप्ता तैनात रहा।
Updated on:
07 Aug 2025 09:46 am
Published on:
07 Aug 2025 09:37 am
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