
फोटो पत्रिका
बांसवाड़ा। कलिंजरा बस स्टैंड पर दिनदहाड़े सेकंड ग्रेड अध्यापिका लीला ताबियार की हत्या के बाद पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि हत्यारे सनकी प्रेमी ने बेहद क्रूरता से उस पर हमला किया था। तलवार के दो वार से लीला को चार गंभीर घाव लगे। पेट में एक घाव इतना गहरा था कि उसकी आंत और लीवर कट-फट गए। डॉक्टरों के मुताबिक यह आंतरिक चोट ही उसकी मौत का कारण बनी। जिस तेजी से अंदरूनी रक्तस्राव हुआ, उसका बचना मुश्किल था।
बुधवार को जिला अस्पताल में तीन सदस्यीय मेडिकल बोर्ड में शामिल सर्जन डॉ. हितेन व्यास, महिला चिकित्सक डॉ. प्रफुल्लिता और डॉ. मयूर गांधी ने पोस्टमार्टम किया। बोर्ड ने पाया कि पेट का घाव अत्यंत घातक था। लीला के बाएं हाथ पर दो घाव थे, जो संभवत: उसने बचाव में आगे किए तो लगे। तीसरा घाव छाती पर और चौथा पेट में था। पेट का घाव भीतर तक गया, जिससे आंत और लीवर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। अंदरूनी रक्तस्राव बेहद तेज था, जिससे मौके पर ही उसकी जान खतरे में पड़ चुकी थी।
जिस समय आरोपी महिपाल अपनी कार से उतर कर तलवार लेकर लीला की ओर दौड़ा, आसपास कुछ लोग मौजूद थे। लेकिन हमले के दौरान अधिकतर लोग घबराकर वहां से हट गए, जबकि कुछ तमाशबीन की तरह खड़े रह गए। यह पूरा घटनाक्त्रस्म सीसीटीवी फुटेज में भी कैद है। बाद में कुछ लोगों ने हिम्मत कर पुलिस और एम्बुलेंस को फोन किया, लेकिन घटनास्थल से अस्पताल पहुंचने और उचित एम्बुलेंस उपलब्ध न होने तक का करीब डेढ़ घंटा बीत चुका था।
पुलिस जांच में सामने आया कि महिपाल ने पूर्व में कई बार यह दावा किया था कि लीला ने उसके साथ धोखा किया है और वह उसे नहीं छोड़ेगा। तकनीकी साक्ष्यों और परिचितों से मिली जानकारों के मुताबिक आरोपी खुद को पीड़ित मानता था और यह बात कई लोगों के सामने कह चुका था। वह यह कहता-फिरता था कि ‘मैंने किसी के साथ गलत नहीं किया, उल्टा मेरे साथ किया गया, अब उसे नहीं छोड़ूंगा।’ मंगलवार को कलिंजरा बस स्टैंड पर उसे मौका मिला और उसने तलवार से हमला कर वारदात को अंजाम दे दिया।
इलाज में देरी को लेकर उठे सवालों पर पत्रिका ने डॉक्टरों से चर्चा की, तो उन्होंने स्पष्ट किया कि इतनी गहरी अंदरूनी चोटों के चलते यदि लीला को तुरंत ऑपरेशन थिएटर भी पहुंचा दिया जाता, तब भी उसे बचा पाना बेहद कठिन था।
Published on:
03 Jul 2025 03:47 pm
बड़ी खबरें
View Allबांसवाड़ा
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
