वैशाख पूर्णिमा को होगी गणना
गौरतलब है कि पिछले साल बेमौसम बरसात के कारण वन्यजीव गणना नहीं हो पाई। इसके चलते इस बार की गणना को लेकर वन विभाग के साथ वन्यजीव प्रेमी भी उत्साहित हैं। वन्यजीव गणना 23 मई को सुबह 8 बजे से शुरू होकर 24 मई सुबह 8 बजे तक चलेगी। यह दिन वैशाख पूर्णिमा का है, जबकि चंद्रमा की दूधिया रोशनी ज्यादा रहती है। इसलिए चांदनी रात में वाटर हॉल पर पानी पीने के लिए आने वाले वन्यजीव आसानी से नजर में आते हैं और गणना में अधिकतम सटीक आंकड़े सामने आते हैं। यह भी पढ़ें – UGC NET Exam : असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए यूजीसी नेट परीक्षा है अनिवार्य, 15 मई तक करें आवेदन वन्य जीव प्रेमियों के लिए रहेंगे आकर्षण के केंद्र
बीते दो साल में जिले की बांसवाड़ा और घाटोल रेंज में पैंथर के मूवमेंट ज्यादा देखे गए हैं। इनमें कुछ जगह तो मादा पैंथर के साथ शावक भी हैं। बांसवाड़ा शहर के सटे श्यामपुरा ब्लॉक से तो पैंथर जब-तब रात में सर्किट हाउस से होते हुए आनंदसागर वन क्षेत्र की तरफ जाते दिखलाई देते रहे हैं। इधर, नजदीकी समाईमाता भापोर वन खंड में भंडारिया हनुमान मंदिर के पास, हिंडोलिया माल वन क्षेत्र से झरी गांव में, सिंगपुरा ब्लॉक में देवगगढ़ के पास नाथपुरा से भी पैंथर का मूवमेंट रहा है। ऐसे में शहर के इन करीबी वन खंडों के वाटर हॉल वन्य जीव प्रेमियों के लिए आकर्षण के केंद्र रहेंगे।
क्षेत्रीय वन अधिकारियों की हो चुकी है ट्रेनिंग
सहायक वन संरक्षक बांसवाड़ा गोविंदसिंह खींची का कहना है कि वन्य जीव गणना को लेकर उदयपुर में क्षेत्रीय वन अधिकारी स्तर तक अधिकारियों की ट्रेनिंग हो चुकी है। अब रेंज स्तर पर वाटर हॉल्स पर बैठने वाले वनकर्मियों को गणना संबंधित तकनीकी जानकारियां देने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम चल रहे हैं। इस बार कुछ केंद्रों पर कैमरे लगाए जाएंगे।
ऐन वक्त तक जांचे जाएंगे वाटर हॉल
वन विभाग की ओर से इन दिनों निर्धारित जल स्रोतों का सर्वे करवाया जा रहा है। वैसे मुय रूप से बांसवाड़ा रेंज में 13, घाटोल में 15, कुशलगढ़ और बागीदौरा में 14-14 और गढ़ी व डूंगरा रेंज में 8-8 वाटर हॉल हैं। फिर भी यह सर्वे गणना से ठीक पहले इसलिए किया जा रहा है कि कहीं किसी वाटर हॉल में पानी नहीं होने पर उसे भरा जा सके या फिर वाटर हॉल की सूची से हटाकर कोई नए स्थान सामने आने पर जोड़ा जा सके।