
BIG NEWS ; राजस्थान के सभी निजी कॉलेजों की होगी पड़ताल, गड़बड़ी मिली तो कार्रवाई तय
Rajasthan Private Colleges :राजस्थान में अब अस्थायी के साथ स्थायी एनओसी धारक निजी कॉलेजों का भी शिक्षा स्तर बनाए रखने की दृष्टि से नोडल कॉलेज की टीम जायजा लेगी। हाईकोर्ट के आदेश पर इस कवायद में पोर्टल पर सूचीबद्ध कॉलेजों के ऑनलाइन रिकार्ड में बताई आधारभूत सुविधाओं और मौजूदा हालात में अंतर मिला, तो रिपोर्ट पर कॉलेज शिक्षा आयुक्तालय सख्ती बरतेगा।
इस संबंध में आयुक्त कॉलेज शिक्षा पुखराज सेन ने प्रदेश के सभी नोडल कॉलेजों के प्राचार्यों को निजी महाविद्यालय नीति 2021-22 के अनुसरण में निरीक्षण कर राज एनओसी पोर्टल पर ऑनलाइन रिपोर्ट करने के निर्देश दिए हैं। इसके तहत निर्देशित बिंदुओं पर पड़ताल के बाद रिपोर्ट भेजनी होगी। इस आशय के आदेश बांसवाड़ा के श्रीगोविंद गुरु कॉलेज, हरिदेव जोशी कन्या महाविद्यालय सहित अन्य नोडल कॉलेजों को मिल चुके हैं। इस पर अपने दायित्व के 15 निजी कॉलेजों से निरीक्षण आवेदन पोर्टल पर डालते ही सात दिन में नोडल कॉलेज की टीम भेजकर मुआयना करना होगा।
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गौरतलब है कि 2021-22 की यह नीति ठंडे बस्ते में थी। इस बीच, अस्थायी एनओसीधारक निजी कॉलेजों की ही सुध लेने से एक बार स्थायी एनओसी लेकर कई निजी कॉलेज संसाधन-सुविधाओं को लेकर उदासीन हैं। कई जगह फैकल्टी तक नहीं है। हाईकोर्ट के निर्देश पर विभाग के इस कदम से बड़े खुलासे और बदलाव सामने आएंगे।
एनओसीधारक वे निजी कॉलेज, जिन्होंने केवल निरीक्षण शुल्क जमा करवाकर ऑनलाइन प्रपत्र भरा और किसी भी अन्य संकाय विषय के लिए या अन्य प्रकरण के लिए आवेदन नहीं किया, उनका भी हाईकोर्ट के 2018 के केस इंदिरा गांधी मेमोरियल कॉलेज, गणेशपुरम, भरतपुर व अन्य बनाम राज्य सरकार और अन्य याचिकाओं में जुलाई, 2000 (घोषित दिनांक 07.09.2020) में पारित निर्णय अनुसार शिक्षा स्तर बनाए रखने की दृष्टि से निरीक्षण अनिवार्य रहेगा।
श्रीगोविंद गुरु कॉलेज बांसवाड़ा प्राचार्य, प्रो. कल्याणमल सिंघाड़ा ने कहा अस्थायी के साथ स्थायी एनओसी धारक निजी कॉलेजों के निरीक्षण के लिए आयुक्तालय से दिशा-निर्देश मिले हैं। इसके लिए टीम गठित कर अनुपालना की जाएगी।
निरीक्षण में कॉलेज भवन की स्थिति, पीडब्ल्यूडी से जारी सुरक्षा प्रमाण पत्र, कॉलेज प्रबंधन समिति अपडेट है या नहीं, यूजीसी नार्म्स के अनुसार फैकल्टी, भौतिक सुविधाओं में गर्ल्स के लिए कॉमन रूम, सुविधालय, लाइब्रेरी, साइंस लैब, एनओसी लेते समय विभाग एवं अपने संयुक्त खाते की कराई एफडीआर की स्थिति, तय फीस ही ली जा रही या नहीं आदि नौ बिंदुओं पर टोह ली जाएगी। राज एनओसी मोबाइल एप से संस्था की जीओ टैगिंग भी होगी। फिर कमियों पर सुधार की अनुशंसा कर दो बार फाइल रिवर्ट करने के बाद भी टीम को निगाह रखकर आगे की रिपोर्टिंग करनी होगी।
रिपोर्टिंग के बाद आयुक्तालय की ओर से औचक निरीक्षण कराने पर प्रमाणित दस्तावेज और वस्तुस्थिति में भिन्नता मिलती है, तो निरीक्षण दल को आयुक्तालय अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए जिम्मेदार मानेगा।
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Updated on:
20 Jul 2024 03:58 pm
Published on:
20 Jul 2024 03:57 pm
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