
Rajasthan News : दक्षिण राजस्थान में जरूरत से ज्यादा बारिश ने सोयाबीन की फसल की बर्बादी से किसानों को रुला दिया है। सोयाबीन की उपज 90 फीसदी तक खराब हो गई है। एक बीघा खेत में 300 से 400 किलो तक होने वाली पैदावार 40 किलो तक सिमट गई है।अब बची केवल 10 प्रतिशत उपज की लिवाली की बजाय किसान खेतों में ट्रैक्टर और हल चलाकर पाटा फेर रहे हैं, चूंकि लागत के अनुपात में मुनाफा तो दूर घाटा हो गया है। बांसवाड़ा जिले के सागड़ोद, छींच, बड़ोदिया और आसपास के क्षेत्रों में किसानों की दशा खराब हो गई है। किसान हीरालाल और रणछोड़ भाई बताते हैं कि 300 से 400 किलो उपज के बजाय इस बार महज 40-70 किलो सोयाबीन एक बीघा में निकल रहा है।
किसान भारत अमरेंग राठौड़ बताते हैं कि उनके कुल 57 बीघा खेत है। जिसमें 18 बीघा में उन्होंने फसल कटाई कराई है। इसमें सिर्फ 8 क्विंटल गुणवत्ताहीन सोयाबीन मिली है। ऐसे में अब हिम्मत नहीं जुटा पा रहा हूं कि शेष 39 बीघा में फसल कटाई कराएं। क्यों कि उसमें उतनी उपज ही नहीं होगी। किसान कालू पटेल और मानेंगे पटेल बताते कि छोटी ज्योत के किसान फसल काटने की मंशा में नहीं हैं। क्यों कि जितना फसल कटवाने में खर्च आएगा उतनी तो फसल ही नहीं निकलेगी। उनके परिचित में कुछ लोग पाटा चलाने का निर्णय ले चुके हैं।
यह भी पढ़ें -
बीघा - सामान्य उपज - इस वर्ष - इतनी उपज
28 बीघा - 112 क्विंटल - 13 क्विंटल
10 बीघा - 40 क्विंटल - 3 क्विंटल
18 बीघा - 72 क्विंटल - 8 क्विंटल
23 बीघा - 92 क्विंटल - 14 क्विंटल
15 बीघा - 60 क्विंटल - 07 क्विंटल
20 बीघा - 80 क्विंटल - 10 क्विंटल
06 बीघा - 22 क्विंटल - 4 क्विंटल
(जैसा कि किसानों ने बताया)
कृषि विभाग ने बांसवाड़ा जिले में बेमौसम बारिश से कटी हुई फसलों को हुए नुकसान पर बीमा लाभ लेने के लिए 72 घंटे में सूचना देने की सलाह दी है। विभाग के अनुसार जिन किसानों ने खरीफ में फसल बीमा करवाया है, वे खराबे पर कंपनी के टोल फ्री नंबर पर 14447 पर 72 घंटे के अंदर सूचना दे। यह टोल फ्री नंबर व्यस्त होने से संपर्क नहीं होने पर फसल बीमा एप के जरिए भी आसानी से सूचित किया जा सकता है। एप पर कंटिन्यू विथआउट का विकल्प चुनकर किसान अपने मोबाइल नंबर पर ओटीपी लेते हुए शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। शिकायत 72 घंटे के अंदर शिकायत दर्ज कराना जरूरी है। इसलिए जिस दिन भी शिकायत दर्ज करें, उसके पहले दिन की ही तारीख बताएं, जिससे समय 72 घंटे से अधिक नहीं हो। सहायता के लिए कृषि विभाग के कार्यालय में भी संपर्क किया जा सकता है।
यह भी पढ़ें -
1- समर्थन मूल्य : 4892 रुपए प्रति क्विंटल।
2- बाजार मूल्य : 4000 रुपए प्रति क्विंटल उच्च क्वालिटी की सोयाबीन पर।
3- गुणवत्ताहीन की दर : 3800 से 4000 के बीच, क्वालिटी के अनुरूप रेट।
जिले की आठ तहसीलों में शत प्रतिशत ई-गिरदावरी हो चुकी है। शेष तहसीलों में 90 फीसदी से अधिक काम हो चुका है। कार्य तेजी से करने के प्रयास किए जा रहे हैं। अभिषेक गोयल, एडीएम, बांसवाड़ा
1- पौधों पर कम फलियों का होना।
2- फलियों में दाने न होना।
3- दानों का साइज में छोटा होना।
4- दागी दानों की पैदावार।
यह भी पढ़ें -
Published on:
14 Oct 2024 01:07 pm
बड़ी खबरें
View Allबांसवाड़ा
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
