8 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Rajasthan Politics: सरकार ने बांसवाड़ा संभाग किया निरस्त तो भड़के सांसद रोत, बोले- ‘CM फैसले पर करें पुनर्विचार’

Banswara Division Canceled: भजनलाल कैबिनेट ने शनिवार को 17 नए जिलों में से 9 जिलों को खत्म करने का निर्णय किया। साथ ही तीन नए संभाग भी खत्म कर दिए।

2 min read
Google source verification
Banswara division canceled

Banswara division canceled

Banswara Division Canceled: भजनलाल सरकार ने गहलोत राज में गठित किए गए नए जिलों और संभाग को लेकर बड़ा फैसला लिया है। भजनलाल कैबिनेट ने शनिवार को 17 नए जिलों में से 9 जिलों को खत्म करने का निर्णय किया। साथ ही तीन नए संभाग भी खत्म कर दिए। जिसमें सीकर, बांसवाड़ा और पाली शामिल हैं।

राजस्थान में अब 7 संभाग होंगे और जिलों की संख्या 41 होगी। बांसवाड़ा-डूंगरपुर सांसद राजकुमार रोत ने बांसवाड़ा संभाग निरस्त किए जाने पर सीएम भजनलाल शर्मा पर निशाना साधा है।

राजकुमार रोत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट कर लिखा कि 'बांसवाड़ा संभाग को निरस्त करके राज्य सरकार ने बांसवाड़ा-डूंगरपुर की जनता के साथ बहुत बड़ा अन्याय किया है। मध्यप्रदेश और गुजरात की सीमा पर रहने वाला एक गरीब आदिवासी लगभग 240 किलोमीटर की दूरी तय करके उदयपुर आना तो सोच भी नहीं सकता।'

'सरकार ने जनता के साथ किया अन्याय'

उन्होंने लिखा कि 'सरकार का यह कदम आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र की जनता के साथ बहुत अन्यायपूर्ण है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा इस फैसले पर पुनर्विचार कर बांसवाड़ा संभाग को यथावत रखें।' उधर, संभाग और जिले खत्म करने के निर्णय के बाद सीकर, नीमकाथाना, सांचौर, दूदू, अनूपगढ़ में विरोध शुरू हो गया।

यह भी पढ़ें : राजस्थान के इस जिले के निरस्त होने पर लोगों ने बांटी मिठाई, फोड़े पटाखे; जानें क्यों?

अगस्त 23 से दिसंबर 24 तक का सफर

05 अगस्त, 2023 को प्रदेश में सीकर और पाली के साथ बांसवाड़ा नया संभाग गठित कर अधिसूचना जारी हुई। गजट नोटिफिकेशन 5 अगस्त 2023 को हुआ और अगले ही दिन से अधिसूचना प्रभावी हुई। यहां पहले संभागीय आयुक्त डॉ. नीरज के पवन अगस्त में ही नियुक्त किए गए। सितंबर, 2023 में उन्होंने जिम्मा संभाला। इसके बाद ठीक एक साल बाद सितंबर, 2024 में ही आईएएस पवन का तबादला हुआ और बांसवाड़ा का अतिरिक्त जिम्मा टीएडी आयुक्त, उदयपुर प्रज्ञा केवलरमानी को सौंपा गया। तब से ही कार्यभार देख रही हैं।

अब 165 किमी की फिर दौड़

-बांसवाड़ा के अधिकारियों-कार्मिकों और आम लोगों को 165 किमी दूर संभाग मुख्यालय जाना पड़ेगा।

-प्रतापगढ़वासियों को 157 किमी का सफर करने की मजबूरी रहेगी।

-डूंगरपुर शहर के लिए बांसवाड़ा और उदयपुर की दूरी करीब सौ किमी ही होने और उधर सुगम नेशनल हाईवे होने से निर्णय कुछ अनुकूल रहेगा। गुजरात के सीमावर्ती सीमलवाड़ा, धंबोला सरीखे इलाकों के लोगों के लिए दौड़भाग बढ़ेगी।

यह भी पढ़ें : 21 माह बाद निरस्त हुआ राजस्थान का ये जिला, फैसले के विरोध में चौराहे पर मुंडन करवाने पहुंचे लोग