
राजस्थान की राजस्थान गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (आरजीएचएस) पर नया अपडेट आया है। File Photo
RGHS New Update : राजस्थान में पेंशनर्स और सरकारी कर्मचारियों को उपचार में सहूलियत देने के उद्देश्य से शुरू की गई राजस्थान गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (आरजीएचएस) खुद हांफ रही है। आलम यह है कि बीते कई महीनों से सरकारी कर्मचारी और पेंशनर दवाओं के लिए भटक रहे हैं। जबकि, चिकित्सा विभाग ने मामले में ठोस कदम उठाने की बजाय गेंद वित्त विभाग के पाले में डाल दी है। बता दें लगातार आ रही शिकायतों के बाद चिकित्सा विभाग ने बीते महीने पत्र जारी कर बताया कि लंबित बिलों को वित्त विभाग भिजवा दिया गया। साथ ही दवा न मिलने पर शिकायत करने की भी बात कही। भले ही विभाग ने बिल भिजवा दिए, लेकिन एक महीना बीत जाने के बाद भी दवा विक्रेताओं को उनका शत-प्रतिशत पैसा नहीं मिला है। इससे स्थितियां जस की तस बनी हुई हैं। कर्मचारी बताते हैं कि जब विक्रेताओं को पूरा पैसा मिले तो ही समाधान हो सकेगा। हाल ही में पेंशनर समाज ने संभागीय आयुक्त डॉ. नीरज के पवन को ज्ञापन देकर दवा दिलाने की गुहार लगाई।
जिला पेंशनर समाज अध्यक्ष फजले हुसैन टी जेताजी ने बताया कि अगस्त 2023 से उपभोक्ता भंडार और योजना के तहत पंजीकृत मेडिकल स्टोर दवाएं नहीं दे रहे हैं। दवा विक्रेताओं का बकाया जल्द चुकाया जाए ताकि गंभीर रोगों की दवाएं भी उपब्लध हो सकें।
बांसवाड़ा कोषाधिकारी हितेश गौड़ ने बताया कि आरजीएचएस के समस्त बिलों का भुगतान जयपुर से होता है। हमारे पास भुगतान की पावर नहीं है, हम सिर्फ बिलों को वेरिफाई कर भेज देते है। यदि बिल में कोई समस्या है तो बिल को रोकते हैं।
सूत्रों की माने तो उपभोक्ता भंडार को इस माह के पहले सप्ताह में 22 लाख रुपए दिए गए थे। इस भुगतान के बाद भी चार करोड़ 75 लाख रुपए बकाया चल रहा है। ऐसी ही स्थिति निजी मेडिकल स्टोर्स की भी है। उनका भी बड़ी रकम अटकी है। भुगतान न होने के कारण दिक्कत खड़ी हो रही हैं।
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Published on:
25 Apr 2024 03:54 pm
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