
Cobra was sitting in a Practical lab
when is World snake day : कहने को तो राजस्थान ( Rajasthan ) में 26 प्रजाति के सांप पाए जाते हैं, लेकिन सच यह है कि उनमें महज चार प्रजाति के सांप ही ऐसे हैं, जो किसी इंसान की जान ले सकने में सक्षम हैं। बाकी 22 प्रजाति के सांप में नाममात्र का भी विष नहीं पाया जाता।
वन विभाग से सेवानिवृत्त सज्जनसिंह राठौड़ ने बताया कि बांसवाड़ा में 17 प्रजातियां अभी तक देखने को मिली हैं। इनमें चार प्रजातियां ऐसी हैं, जो जहरीली होती हैं और ये चारों एक साथ बांसवाड़ा व दक्षिणी राजस्थान के जिलों में पाई जाती हैं, प्रदेश में अन्य कहीं नहीं मिलती। वहीं बांसवाड़ा में सांपों की 13 प्रजातियां ऐसी हैं, जो जहरीली नहीं होती हैं।
सिंह बताते हैं कि सामान्य तौर पर घरों में पाया जाने वाले कॉमन वॉर्म स्नेक बिल्कुल भी जहरीला नहीं होता है। आम भाषा में अंधा सांप भी कहते हैं। इसका रंग लाली लिए हुए भूरा या गहरा भूरा होता है। केंचुए सा दिखने वाला यह 10 से 12 सेमी का होता है। यह घरों में बारिश के समय आमतौर पर दिखता है। इससे भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है।
कोबरा सबसे ज्यादा जहरीला
10 वर्षों से सांप का रेस्क्यू करने वाले धर्मेंद्र बताते हैं कि वे 10-11 वर्षों से सांपों को रेस्क्यू कर रहे हैं। अधिकांश मौके पर कोबरा सांप पाया जाता है। कई बार तो जानकारी के अभाव में लोग विषविहीन सांप को देखकर भी भय खाते हैं। सांपों की कैरेट, कोबरा, सॉ स्केल वाइपर या फूरसा, रसेल वाइपर या दिवोड़ प्रजाति ही जहरीली होती हैं।
Updated on:
16 Jul 2019 03:18 pm
Published on:
16 Jul 2019 11:40 am
बड़ी खबरें
View Allबांसवाड़ा
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
