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Anta By Election 2025: उपचुनावों में किस पार्टी का पलड़ा भारी, अब अंता में भाजपा-कांग्रेस के बीच प्रतिष्ठा की जंग, जानें सियासी समीकरण

भाजपा के नेतृत्व वाली भजनलाल शर्मा सरकार अब तक प्रदेश में हुए सात उपचुनावों में पांच सीटें जीत चुकी है। अब 11 नवंबर को अंता उपचुनाव में भाजपा और कांग्रेस के बीच फिर सियासी प्रतिष्ठा की जंग होने जा रही है।

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Anta By Election 2025

फाइल फोटो- पत्रिका

जयपुर। राजस्थान में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार बनने के बाद अब तक प्रदेश में सात उपचुनाव हो चुके हैं, जिनमें से सर्वाधिक पांच सीटें सत्तारूढ़ भाजपा ने जीती हैं। अब आगामी 11 नवंबर को बारां जिले में होने वाले अंता विधानसभा उपचुनाव में भाजपा और मुख्य विपक्ष कांग्रेस की प्रतिष्ठा फिर दांव पर है।

भाजपा ने इस उपचुनाव में पिछले विधानसभा चुनाव की तरह नए प्रत्याशी मोरपाल सुमन को मैदान में उताकर चुनावी दांव खेला है, जबकि कांग्रेस ने इस क्षेत्र से दो बार विधायक और मंत्री रहे प्रमोद जैन भाया पर फिर भरोसा जताया है। हालांकि उपचुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा के उतरने से मुकाबला रोचक होने के आसार हैं।

राजे की करीबी मोरपाल

अंता क्षेत्र पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के पुत्र और सांसद दुष्यंत सिंह के लोकसभा क्षेत्र में आता है। वहीं मोरपाल सुमन को राजे का करीबी माना जा रहा है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ सहित पार्टी के अन्य नेता अपने प्रत्याशी की जीत का मजबूत दावा कर रहे हैं। उनका कहना है कि भजनलाल शर्मा सरकार ने कम समय में राजस्थान में ऐतिहासिक कार्य किए हैं, इसलिए जनता में सरकार विरोधी लहर नहीं है।

वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट अपने प्रत्याशी की जीत के दावे कर रहे हैं। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि उनका उम्मीदवार अनुभवी है और भाजपा सरकार ने पिछले दो वर्षों में जनता को कोई बड़ी राहत नहीं दी। ऐसे में जनता अब कांग्रेस की ओर देख रही है।

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नरेश मीणा भी मैदान में

इस उपचुनाव में देवली-उनियारा उपचुनाव के दौरान एसडीएम को थप्पड़ मारने की घटना से सुर्खियों में आए नरेश मीणा भी निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में हैं। सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) ने उन्हें समर्थन देने की घोषणा की है। जातीय समीकरण के हिसाब से इस क्षेत्र में 30 हजार से अधिक मीणा मतदाता हैं। नरेश मीणा अपने को इस चुनाव में तीसरा विकल्प बता रहे हैं। यह उनका तीसरा विधानसभा चुनाव है।

उल्लेखनीय है कि प्रदेश में गत वर्ष 13 नवंबर को हुए सात उपचुनावों में भाजपा ने पांच सीटों झुंझुनूं, खींवसर, रामगढ़, देवली-उनियारा और सलूंबर पर जीत हासिल कर राजनीतिक बढ़त बनाई थी। इन उपचुनावों में भाजपा ने सांसद हनुमान बेनीवाल के खींवसर वाले राजनीतिक गढ़ को भी ढहा दिया था।